महाराष्ट्र में स्थानीय निकाय चुनाव के नतीजे कल नहीं आएंगे। (फाइल फोटो)
राज्य ब्यूरो, मुंबई। बांबे हाई कोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने महाराष्ट्र में मंगलवार को हुए नगर परिषद एवं नगर पंचायत चुनाव की मतगणना पर रोक लगा दी है। ये मतगणना बुधवार को होनी थी। अब यह 21 दिसंबर को होगी। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
हाई कोर्ट का यह निर्णय कुछ ही दिनों पहले कई नगर परिषदों और नगर पंचायतों के चुनाव को आगे बढ़ाने के निर्णय के संदर्भ में आया है। राज्य चुनाव आयोग ने पिछले सप्ताह 24 नगर परिषदों और नगर पंचायतों में पूरी तरह से एवं अन्य में सभासदों की 154 सीटों पर चुनाव टालने के निर्देश दे दिए थे, क्योंकि इन सीटों पर उसे आरक्षण की सीमा 50 प्रतिशत से अधिक होने की शिकायतें प्राप्त हुई थीं।
20 दिसंबर को होंगे टाले गए सीटों पर चुनाव
जिन सीटों पर चुनाव टाल दिए गए हैं, वहां 20 दिसंबर को चुनाव होंगे। लेकिन बाकी बचे 264 नगर अध्यक्ष के पदों एवं 6,042 सभासदों (कार्पोरेटर) के चुनाव के लिए मंगलवार को चुनाव संपन्न हुआ। इस चुनाव की मतगणना तीन दिसंबर को होनी तय थी। लेकिन मतगणना रुकवाने के लिए कई उम्मीदवारों ने ही हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। इस पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने दो दिसंबर को हुए चुनावों की मतगणना भी अब 20 दिसंबर को होने वाले चुनावों की मतगणना के साथ ही 21 दिसंबर को होगी।
हाईकोर्ट के फैसले पर चंद्रशेखर बावनकुले ने क्या कहा?
हाई कोर्ट की नागपुर खंडपीठ का यह फैसला आने के बाद सभी राजनीतिक दल राज्य चुनाव आयोग पर अपना गुस्सा उतार रहे हैं, क्योंकि उसके द्वारा कुछ सीटों पर चुनाव टालने के फैसले के कारण ही हाई कोर्ट को चुनाव परिणामों पर रोक लगानी पड़ी है। महाराष्ट्र भाजपा के पूर्व अध्यक्ष एवं राज्य सरकार में मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने राज्य चुनाव आयोग को आड़े हाथों लेते हुए कहा है कि राज्य चुनाव आयोग द्वारा की गई कानून की एक गलत व्याख्या ने हाई कोर्ट को यह फैसला करने पर मजबूर किया है।
बावनकुले ने कहा कि आयोग के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है, जब घोषित होने के बाद चुनाव टाले गए हों और पहले से घोषित मतगणना की तारीख आगे बढ़ाई गई हो। हाई कोर्ट द्वारा मतगणना की तारीख आगे बढ़ाने का फैसला आने से पहले सोमवार को ही मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस सहित कई और राजनीतिक दलों के नेताओं ने भी कुछ सीटों के चुनाव आगे बढ़ाने के निर्णय की तीखी आलोचना की थी।
सीएम फडणवसी ने कही थी ये बात
मुख्यमंत्री ने कहा था कि राज्य चुनाव आयोग ने कानून का गलत अर्थ निकाला है। मुझे नहीं पता कि एसईसी ने किस कानून के आधार पर एवं किन वकीलों की सलाह पर चुनाव को स्थगित किया है। मेरा भी कानून का अध्ययन है। मैंने कई वकीलों से बात भी की है। उनका कहना है कि इस तरह से चुनाव नहीं टाले जा सकते। ऐसे तो कोई भी कोर्ट में जाएगा और चुनाव टाल दिए जाएंगे।
फडणवीस के अनुसार, जिन उम्मीदवारों ने मेहनत कर प्रचार किया, उनके साथ अन्याय हुआ है। उप मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने राज्य चुनाव आयोग के फैसले को गलत बताया है। |