आठवीं फेल को व्हाइटनर लगा कर दिया था पास, सरकारी नौकरी लगी तो खुल गई पोल
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सालों से दबा एक फर्जीवाड़ा तब उजागर हुआ जब एक युवक के सरकारी नौकरी के दस्तावेज सत्यापन में उसकी असली आठवीं की मार्कशीट सामने आ गई।
शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला सरकंडा में साल 2006 में फेल हुए छात्र के अंक व्हाइटनर से बदलकर उसे पास दिखाया था और स्कूल के रिकार्ड भी उसी हिसाब से दर्ज कर दिए गए थे, ताकि सच कभी बाहर न आए। अब 19 साल बाद जब मूल रिकार्ड मिलान हुआ तो पता चला कि छात्र पूरक परीक्षा में भी शामिल नहीं हुआ था और पूरा खेल स्कूल की मिलीभगत से रचा गया था। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
व्हाइटनर लगाकर छात्र को किया पास
शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला सरकंडा में तब छात्र रवि कुमार यादव ने कक्षा आठवीं की परीक्षा दिलाई थी। इस दौरान वह दो विषय में फेल हो गया था। इसके बावजूद, स्कूल प्रबंधन की मिलीभगत से छात्र की अंकसूची में मूल अंकों को सफेदा से मिटाकर नए अंक से बदल दिया गया। इससे छात्र को पास दर्शाया गया था। इसी फर्जी मार्कशीट के आधार पर उसे बिना किसी रुकावट के कक्षा नवमी में दाखिला मिल गया।
इस बड़े फर्जीवाड़े को दबाए रखने के लिए स्कूल प्रबंधन के आंतरिक रिकार्ड में भी उसी अनुरूप हेरफेर किया गया था, ताकि यह राज कभी बाहर न आए। वहीं 19 वर्ष बाद छात्र रवि कुमार की सरकारी नौकरी लग गई और उसका दस्तावेज सत्यापन के लिए डीईओ कार्यालय पहुंचा। जांच के दौरान पता चला की रवि यादव दो विषयों में फेल हो गया था और वह पूरक परीक्षा में भी शामिल नहीं हुआ था।
दस्तावेज सत्यापन की प्रक्रिया में डीईओ कार्यालय के पास उपलब्ध मूल रिकार्ड की जांच में छात्र को अनुत्तीर्ण पाया गया। डीईओ विजय टांडे ने इसे गंभीर कदाचार और शिक्षा के साथ खिलवाड़ मानते हुए तत्कालीन प्राचार्य और संबंधित शिक्षकों को तत्काल नोटिस जारी किया है। उन्होंने स्पष्ट किया है कि जांच पूरी होने के बाद दोषियों पर कड़ी दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी, क्योंकि यह अनैतिक कृत्य मेहनत करने वाले छात्रों के भविष्य पर भारी पड़ सकता है।
ऐसे पता चला स्कूल के रिकार्ड में भी की गई है हेराफेरी
सरकंडा स्कूल में छात्र रवि यादव आठवीं में दो विषयों में फेल हो गया था। लेकिन स्कूल स्टाफ की मिलीभगत से फेल मार्कशीट पर व्हाइटनर लगाकर अंक बदल दिए गए और छात्र को इसी आधार पर कक्षा नवमी में प्रवेश दे दिया गया। वहीं डीईओ कार्यालय से स्कूल के दस्तावेज मंगाए गए, तब यह बात भी सामने आई कि स्कूल में दर्ज रिकार्ड में भी फर्जी अंकसूची के अनुरूप अंकों में बदलाव किए गए थे। |