16 दिसंबर के बाद फरवरी से बजेगी शहनाई
जागरण संवाददाता, पटना। इस वर्ष अब सिर्फ पांच लग्न ही शेष है। इसके बाद शुक्र ग्रह के अस्त होने से शहनाईयों की गूंज थम जाएगी। 16 दिसंबर से 14 जनवरी तक खरमास (Kharmas Start End Date 2025) रहेगा। 16 दिसंबर को दोपहर 1:24 बजे सूर्य धनु राशि में प्रवेश करेंगे। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
सूर्य के धनु राशि में जाने से खरमास प्रारंभ हो जाएगा। फिर नए वर्ष में 14 जनवरी को रात 9:19 बजे सूर्य का मकर राशि में प्रवेश होते ही खरमास समाप्त हो जाएगा। इस दिन संक्रांति पूरे दिन रहेगा। खरमास में शुभ मांगलिक आयोजन नहीं होंगे।
इस दौरान विवाह, गृह प्रवेश, मुंडन संस्कार आदि शुभ कार्य वर्जित होते हैं। शुभ मांगलिक कार्यों के लिए गुरु का बली अवस्था में होना आवश्यक है। खरमास में सूर्य मलिन अवस्था में रहते हैं, इसलिए खरमास में किसी भी प्रकार के शुभ मांगलिक कार्य नहीं किये जाते हैं।
शास्त्रों में शादी-विवाह के लिए शुभ मुहूर्त का होना महत्वपूर्ण होता है। वैवाहिक बंधन को सबसे पवित्र रिश्ता माना गया है। इसलिए इसमें शुभ मुहूर्त का होना जरूरी है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, शादी के शुभ योग के लिए बृहस्पति, शुक्र और सूर्य का शुभ होना जरूरी है।
खरमास भगवत पूजन का मास:
आचार्य राकेश झा ने बताया कि खरमास में भगवान नारायण की पूजा विशेष फलदायी होती है। इस मास में विष्णु सहस्त्रनाम, पुरुष सूक्त, सत्यनारायण कथा, भागवत पाठ, आदित्य हृदय स्त्रोत्र का पाठ, भास्कर को अर्घ्य, गरीब, असहाय को अन्न, वस्त्र का दान, गौ सेवा आदि करने से कई गुना पुण्य फल मिलता है। धार्मिक मान्यता है कि नारायण की आराधना से माता लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है।
नए साल में शादी का मुहूर्त
बनारसी पंचांग के अनुसार
- फरवरी: चार, पांच, छह, सात, आठ, 10, 11, 12, 13, 14, 15, 19, 20, 21, 24, 25, 26
- मार्च: दो, चार, पांच, छह, सात, आठ, नौ, 10, 11, 12, 13, 14
मिथिला पंचांग के मुताबिक
- जनवरी: 29
- फरवरी: पांच, छह, आठ, 15, 19, 20, 22, 25, 26
- मार्च : चार, नौ, 11, 13
|