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वाराणसी में 11 माह में 254 लोगों की मार्ग हादसों में मौत, प्रयागराज हाईवे बना डेंजर जोन

Chikheang 2025-12-1 17:07:21 views 76

  

वाराणसी में नेशनल हाईवे और स्टेट हाईवे के साथ ही रिंग रोड से जुड़ी सड़कों पर अब तक 254 लोगों की जान जा चुकी है।



देवेंद्रनाथ सिंह, जागरण, वाराणसी। ट्रैफिक पुलिस व आरटीओ ने अभी सड़क सुरक्षा माह मनाया, दोनों ही विभाग अक्सर सड़क सुरक्षा सप्ताह भी मनाते रहते हैं, लेकिन इसका असर कितना हो पाता है, इसकी गवाही इस साल अब तक सड़क दुर्घटनाओं में गई जान का आंकड़ा देता है। नेशनल हाईवे और स्टेट हाईवे के साथ ही रिंग रोड से जुड़ी सड़कों पर अब तक 254 लोगों की जान जा चुकी है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

इसमें भी सबसे अधिक सड़क दुर्घटना प्रयागराज-वाराणसी हाईवे पर हुई जिसमें 97 लोगों ने दम तोड़ दिया। दुर्घटना की वजह वाहनों की तेज रफ्तार और सड़क किनारे खड़े वाहन बताए जाते हैं। इसके अलावा जगह-जगह बनाए गए कट भी जान ले रहे, लेकिन हैरत की बात यह कि न इसके जिम्मेदार सजग हो रहे और न ही हम ध्यान दे रहे। नतीजा सड़कों पर तड़पते हुए जान दे रहे।  

बीते कुछ साल में वाराणसी कई नेशनल व स्टेट हाईवे से जुड़ा। चौड़ी सड़क पर वाहनों की रफ्तार बेलगाम हो गई। उस पर लगाम लगाने का इंतजाम तो हो रहा लेकिन वह काफी नहीं दिखता। ऐसे में सड़क दुर्घटनाओं के स्थान बढ़ते जा रहे लेकिन खुद को सजग व सतर्क बताने में सिर्फ आठ ब्लैक स्पाट चिह्नित दिखाए जा रहे हैं।  

जबकि सही तरीके से जांच की तो वाराणसी में कम से कम 50 ब्लैक स्पाट चिह्नित किए जा सकते हैं। उनकी गड़बड़ियों को दूर करके सड़क दुर्घटनाओं को रोका जा सकता है और लोगों की जान बचाई जा सकती है। इस वर्ष अब तक सबसे अधिक दुर्घटना वाराणसी-प्रयागराज नेशनल हाईवे पर हुईं। इसमें भी बड़ी दुर्घटनाएं मिर्जामुराद में हुईं।  

क्षेत्र के बिहड़ा, ठठरा, चित्रसेनपुर, रूपापुर, डंगहरिया, भीखीपुर, खजुरी, रखौना, मेंहदीगंज, भिखारीपुर में आए दिन दुर्घटना हो रहीं। इस मार्ग पर दुर्घटना की सबसे बड़ी वजह हाईवे किनारे खड़े ट्रक होते हैं। जरा सी चूक हुई नहीं है तेज रफ्तार कार या बाइक इनसे टकरा जाती है और सवार की मौत हो जाती है। मोहन सराय में सर्विस लेन पर गलत दिशा में वाहनों के आने से दुर्घटनाएं हो रही हैं।  

वहीं कपसेठी थाना क्षेत्र के शिवदासपुर गांव के सामने भदोही-वाराणसी रोड से ममहर जाने वाले रास्ते पर 11 महीनों में यहां एक सात लोगों की मौत सड़क दुर्घटना में हुई है। यहां कोई चौबेपुर थाना क्षेत्र के अंतर्गत ढाखा ग्राम सभा के समीप नेशनल हाइवे 31 मुख्य मार्ग पर कैथी और चौबेपुर के अंडरपास, पब्लिक फुटओवर ब्रिज न होने से दुर्घटनाएं हो रही हैं।  

शिवपुर तरना फ्लाई ओवर से उतरते ही नीचे आने वाली सर्विस रोड की वजह से सड़क हादसे हो रहे हैं। दुर्घटनाओं वाली जगहों पर पुलिस, आरटीओ, पीडब्ल्यूडी और एनएचएआई की संयुक्त जांच रिपोर्ट में बीते मार्च माह में ब्लैक स्पाट पर स्पीड ब्रेकर, साइनेज, रिफ्लेक्टर और गोलचक्कर जैसे सुधारों को प्राथमिकता देने की सिफारिश की गई थी। अधिकांश जगहों पर स्पीड ब्रेकर सहित अन्य सुधार कार्य अभी तक पूरे नहीं हुए हैं।  

खतरे के तमाम स्थान लेकिन आठ ब्लैक स्पाट : सड़क सुरक्षा व यातायात प्रबंधन के विशेषज्ञ अरबाब अहमद ने बताया कि ज्यादातर दुर्घटनाएं ब्लैक स्पाट पर होती हैं। एक स्थान को ब्लैक स्पाट चिह्नित करने के लिए जरूरी है कि उस स्थान पर तीन सालों में कम से कम पांच गंभीर दुर्घटना हुई हो। वाराणसी में सड़क दुर्घटनाओं की संख्या में काफी इजाफा हुआ है।  

यहां सिर्फ आठ ब्लैक स्पाट चिह्नित हैं। रोहनिया के लठिया चौराहे के पास एक साल में दो बड़ी दुर्घटनाएं हुईं। इसके पहले भी यहां कई दुर्घटनाएं हुई इसके बावजदू यह स्थान ब्लैक स्पाट के रूप में चिह्नित नहीं है। इसके अलावा अन्य दुर्घटना बाहुल्य जगहों को ब्लैक स्पाट नहीं बनाया गया है। इससे हाईवे पर आवागमन करने वाले लोगों को हमेशा हादसे का भय रहता है। वाराणसी में हरहुआ बाजार, गिलट बाजार से तरना, विश्वसुंदरी पुल से टेंगरा मोड़, मोहनसराय बाइपास, अमरा अखरी बाइपास, धमरी पुल, चिलबिला, सूजाबाद से रामनगर ब्लैक स्पाट हैं।

ओवरटेक के चक्कर में लोगाें ने गंवाई अपनी जान

25 जनवरी को कल्लीपुर (खजुरी चट्टी) स्थित हाईवे पर खड़े ट्रेलर में ओवरटेक के दौरान पीछे से कार घुसने से झारखंड के धनबाद निवासी जम्मू-कश्मीर में तैनात फौजी शिवजी सिंह उनकी पुत्री सोनम सिंह, चचेरे भाई कार चालक राजू सिंह व चालक की पत्नी अलका सिंह नामक चार लोगों की मौत हो गई थी। फौजी की पत्नी नीरा गंभीर रूप से घायल हो गई थी।  

21 फरवरी को रूपापुर के पास ओवरटेक के दौरान हाईवे पर खड़े ट्रक में तीर्थयात्रियों से भरी क्रूजर जा घुसी थी। हादसे में कर्नाटक प्रांत बिदर जिले के कोल्ली-गल्ली निवासी संतोष व सुनीता नामक दंपती समेत लक्ष्मी, लीलावती, कलावती व सुलोचना नामक छह लोगों की मौत हो गई थी।

14 जून को कछवांरोड चौराहा के निकट हाईवे पर ट्रक के धक्के से तेज रफ्तार कार अनियंत्रित होकर ओवरब्रिज के डिवाइडर में टकरा गई थी। हादसे में प्रयागराज के सरायइनायत (कनीयर) निवासी कार चालक फैसल खान, बीएसएफ जवान अमन यादव व हंडिया निवासी अरबाज खान की मौत हो गयी थी।
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