मुजफ्फरपुर नगर निगम के पास नहीं है पालतु कुत्तों का कोई रिकार्ड। फाइल फोटो
जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर। Bihar News: शहरवासी पहले से ही आवारा कुत्तों के आतंक से भयभीत थे, लेकिन अब उनको पालतु कुत्तों से भी र लगने लगा है। बुधवार को पालतु कुत्ता के काटने से एसकेएमसीएच में इलाज करा रही तीन साल के बच्ची की मौत हो गई थी। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
शहर में चार सौ से अधिक पालतु कुत्ता है। इनमें कई विदेशी नस्ल के खतरनाक कुत्ते हैं। उनपर नगर निगम का कोई नियंत्रण नहीं। कुत्ता पालने वालों ने भी निगम से उनका निबंधन नहीं कराया है।
पुरानी बाजार निवासी संजीव कुमार ने कहा कि विदेशी नस्ल का कुत्ता पालने वाले लोग सूबह-शाम उसे लेकर घूमने निकलते हैं। कई तो गाड़ी पर बैठाकर घुमाते हैं। कई बार वह पालक के नियंत्रण से छूट जाते हैं जिससे लोगों को बचना पड़ता है।
नगर निगम आवारा कुत्तों की संख्या पर नियंत्रण को लेकर तो कवायद में लगा है, लेकिन लोगों के घरों में पल रहे खतरनाक कुत्तों पर नियंत्रण की पूरी तरह से अनदेखी कर रहा है। पालकों को अपने घर में पाले जा रहे कुत्तों का निगम से निबंधन कराना जरूरी है लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है।
बच्ची की मौत के पर बाद लोग पालतु कुत्तों पर नियंत्रण की मांग कर रहे है। यदि पालतु कुत्ता के काटने से कोई हादसा होता है तो इसके लिए उसे पालने पर कानूनी कार्रवाई का प्रावधान करने की मांग कर रहे है।
देखने वाली बात होगी कि आने वाले दिनों में निगम की ओर से क्या कार्रवाई की जा रही है। कुत्तों को पालने के लिए यदि पूरी व्यवस्था नहीं बन जाती है तो लोगों की परेशानी कम नहीं होगी।