पूर्व चीफ जस्टिस बीआर गवई। (फाइल)
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के तत्कालीन चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ के आवास पर जाने से जुड़े विवाद पर प्रतिक्रिया देते हुए पूर्व चीफ जस्टिस बीआर गवई ने गुरुवार को कहा कि अगर कार्यपालिका और न्यायपालिका के सदस्य मिलते हैं, तो इसमें कुछ भी अनुचित नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि इस तरह की बातचीत से संस्थागत स्वतंत्रता से समझौता नहीं होता। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
उनकी यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी समेत कई अन्य नेताओं ने भी कई मौकों पर दावा किया है कि न्यायपालिका पीएम मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के दबाव में काम कर रही है।
एक साक्षात्कार में जस्टिस गवई ने कहा, \“\“मैं किसी व्यक्तिगत मामले पर टिप्पणी नहीं करना चाहता। कार्यपालिका, विधायिका और न्यायपालिका - ये तीनों संस्थाएं इस देश के नागरिकों को न्याय दिलाने और उनकी समस्याओं का समाधान करने के लिए काम करती हैं। ये संस्थाएं स्वतंत्र हैं और अपने-अपने अधिकार क्षेत्र में रहते हुए संवैधानिक कर्तव्यों का निर्वहन करती हैं। इसलिए अगर वे आपस में मिलते भी हैं, तो इसमें कुछ भी गलत नहीं है।\“\“
गौरतलब है कि सितंबर, 2024 में उस समय विवाद खड़ा हो गया था जब प्रधानमंत्री मोदी तत्कालीन चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ के आवास पर गणपति पूजा समारोह में शामिल हुए थे। शिवसेना (यूबीटी) और विपक्ष के एक वर्ग ने आरोप लगाया था कि इस तरह की मुलाकात न्यायिक निष्पक्षता पर संदेह पैदा कर सकती है।
भाजपा ने इस आलोचना का खंडन करते हुए कहा था कि यह मुलाकात पूरी तरह से सांस्कृतिक और धार्मिक प्रकृति की थी, न कि राजनीतिक। पार्टी नेताओं ने इस बात पर जोर दिया कि व्यक्तिगत रूप से किसी उत्सव में शामिल होना न तो असंवैधानिक है और न ही अनुचित।
भाजपा ने जस्टिस गवई के बयान को सराहा, कांग्रेस ने \“निजी राय\“ बताया
भाजपा ने जस्टिस गवई के बयान का स्वागत किया है, जबकि कांग्रेस ने इसे उनकी \“निजी राय\“ बताया है। भाजपा सांसद प्रवीण खंडेलवाल ने कहा, \“\“मुझे लगता है कि उनके इस बयान के बाद उन लोगों के लिए स्थिति बिल्कुल स्पष्ट हो जानी चाहिए जो अपनी राजनीति के चलते यह आरोप लगाते हैं कि सुप्रीम कोर्ट हर दिन सरकार के दबाव में काम करता है।\“\“ भाजपा सांसद योगेन्द्र चंदोलिया ने कहा कि जस्टिस गवई की टिप्पणी \“\“भारतीय लोकतंत्र की भावना को प्रतिबिंबित करती है।\“\“
कांग्रेस सांसद तारिक अनवर ने कहा, \“\“यह उनकी निजी राय है, लेकिन यह भी सच है कि सरकार सभी संवैधानिक संस्थाओं को अपने नियंत्रण में लेने की कोशिश कर रही है।\“\“ कांग्रेस प्रवक्ता सुरेंद्र राजपूत ने भी इसी बात को दोहराते हुए कहा कि यह जस्टिस गवई का निजी बयान हो सकता है।
(समाचार एजेंसी आइएएनएस के इनपुट के साथ) |