संवाद सहयोगी, बहजोई। सिस्टम की लापरवाही के चलते तीन वर्षीय बच्चे की खुले नाले में गिरकर मौत हो गई। इस घटना ने यह उजागर कर दिया कि परिवार की असावधानी और नाले की सुरक्षा पर स्थानीय स्तर पर ध्यान न देने की वजह से यह हादसा हुआ। हालांकि, हादसे में कोई कानूनी कार्रवाई नहीं हुई है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
बता दें कि नालों में डूबकर यह पहली मौत नहीं है। इससे पहले भी चंदौसी में सिपाही और संभल के रायसत्ती में एक बच्चे की नाले में डूबकर मौत हो गई थी। इसके अलावा कई लोगों के शव भी जिले के नालों में मिल चुके हैं। इस क्रम में अब ताजा मामला सामने आया है।
बहजोई थाना क्षेत्र के गांव करीमपुर में बुधवार की शाम बृजेश के परिवार वाले अपने घर पर काम काज कर रहे थे जबकि है का तीन वर्षीय बेटा आदित्य घर से कुछ दूरी पर स्थित नाले के किनारे खेल रहा था, तभी अचानक उसका पैर फिसल गया और वह सीधे लगभग चार फीट गहरे और दो फीट चौड़े नाले में गिर गया जिसमें करीब पांच फीट पानी भरा था।
देर शाम जब आदित्य नजर नहीं आया तो स्वजन ने पहले घर और फिर आसपास तलाश की, लेकिन जब पता नहीं चला तो टॉर्च की रोशनी में खोज शुरू की गई। काफी देर बाद नाले में बच्चे का एक हाथ दिखाई दिया, जिसके आधार पर ग्रामीणों की मदद से उसे बाहर निकाला गया, लेकिन तब तक उसकी मौत हो चुकी थी।
स्वजन गुरुवार की सुबह को गमगीन माहौल में बच्चे का दफन कर दिया और पुलिस को घटना की कोई सूचना नहीं दी। ग्रामीणों के अनुसार यह नाला किसी पुराने निर्माण के तहत बना था और इसके ढकने या सुरक्षा को लेकर कभी कोई कार्रवाई नहीं हुई, जबकि यह घरों के बिल्कुल सामने से गुजरता है और बच्चों के लिए हमेशा जोखिम बना हुआ था।
उधर, बहजोई के थाना प्रभारी संत कुमार ने बताया कि इस संबंध में उन्हें कोई सूचना नहीं मिली है और न ही कोई शिकायत दी गई है। |