deltin51
Start Free Roulette 200Rs पहली जमा राशि आपको 477 रुपये देगी मुफ़्त बोनस प्राप्त करें,क्लिकtelegram:@deltin55com

माता-पिता को बिना बताए लिव इन में रह सकेंगे ये कपल्स, उत्तराखंड में UCC नियमों में बड़ा बदलाव

deltin33 2025-11-13 04:36:32 views 653

  

लिव-इन में माता-पिता को जानकारी देना अनिवार्य नहीं



विकास गुसाईं, जागरण, देहरादून। उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता के तहत लिव इन संबंधों की गोपनीयता को बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण संशोधन किए गए हैं। अब लिव इन में रहने वाले युगल के माता-पिता को इन संबंधों की जानकारी देने की बाध्यता समाप्त कर दी गई है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

पुलिस को भी इनकी सूचना केवल जानकारी के लिए दी जाएगी। लिव इन संबंधों की समाप्ति पर युवती के गर्भवती होने या बच्चे के जन्म की सूचना देना अनिवार्य नहीं होगा। लिव इन में रहने वालों को मकान मालिक से प्रमाण पत्र लेना भी आवश्यक नहीं होगा।
लिव-इन में माता-पिता को जानकारी देना अनिवार्य नहीं

उत्तराखंड में इस वर्ष फरवरी से समान नागरिक संहिता लागू हो चुकी है, जिसके क्रियान्वयन के लिए नियमावली भी बनाई गई थी। हालांकि, इस नियमावली के कई प्रविधानों में निजता के अधिकारों का उल्लंघन हो रहा था, जिसके चलते कई व्यक्तियों ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी।

हाई कोर्ट के निर्देशों के अनुसार, गृह विभाग ने अब इस नियमावली में संशोधन किया है, जिसे समान नागरिक संहिता चतुर्थ संशोधन नियमावली नाम दिया गया है। इसकी अधिसूचना भी जारी कर दी गई है, जिसमें विवाह पंजीकरण और लिव इन संबंधों से जुड़े कई महत्वपूर्ण संशोधन किए गए हैं।

विवाह पंजीकरण पर ये दस्तावेज भी मान्यअब विवाह पंजीकरण के लिए आधार कार्ड के साथ-साथ पासपोर्ट, वोटर आइडी, राशन कार्ड, पैन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस और केंद्र या राज्य सरकार द्वारा जारी अन्य वैध पहचान पत्रों का भी उपयोग किया जा सकेगा। इसके लिए नियमावली में संशोधन किया गया है।
लिव इन के लिए किए गए संशोधन

  • 21 वर्ष से कम उम्र वाले बालिगों के माता-पिता या अभिभावकों को सूचना देना आवश्यक नहीं।
  • विवाह पंजीकरण के बाद किए गए धर्म परिवर्तन की सूचना देना अनिवार्य नहीं।
  • लिव इन में धर्म परिवर्तन की जानकारी देना आवश्यक है।
  • लिव इन में अब पंजीकरण अधिकारी 24 घंटे में वांछित जानकारी मांगेंगे, जबकि पहले यह अवधि पांच दिन थी।
  • लिव इन में आने के लिए मृतक पत्नी या पूर्व सहवासी के बारे में जानकारी देना स्वैच्छिक होगा।
  • लिव इन के दौरान जातियों से संबंधित जानकारी देना ऐच्छिक है।
  • लिव इन में धर्म गुरुओं से प्रमाण पत्र लेने की बाध्यता समाप्त कर दी गई है।
  • लिव इन में पंजीकरण के लिए आधार नंबर के ओटीपी को भरने की अनिवार्यता भी समाप्त की गई है।
  • लिव इन में पुलिस द्वारा जांच की व्यवस्था समाप्त कर दी गई है।
like (0)
deltin33administrator

Post a reply

loginto write comments

Explore interesting content

deltin33

He hasn't introduced himself yet.

310K

Threads

0

Posts

1010K

Credits

administrator

Credits
101607