जागरण संवाददाता, मुफ्तीगंज (जौनपुर)। केराकत-जौनपुर मार्ग पर मुफ्तीगंज बाजार के पूर्वी छोर पर बुधवार की देर रात तेज रफ्तार टाटा सफारी कार पुल की रेलिंग तोड़ते हुए 20 फीट नीचे नाले में गिर गई। हादसे में दूल्हे के तीन चचेरे भाइयों की मौत हो गई, जबकि दो गंभीर रूप से घायल हो गए। वाराणसी निवासी हताहतों में दो सगे भाई हैं। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
गौराबादशाहपुर थाना क्षेत्र के एकौना गांव निवासी नसेंद्र सोनकर ने दो भांजियों बबिता का विवाह वाराणसी कैंट थाना क्षेत्र के चंदुआ सट्टी निवासी संदीप सोनकर व रेनू का जामनगर (गुजरात) के नरेश सोनकर के साथ तय किया था। नरेश सोनकर की बरात आ चुकी थी, जबकि संदीप सोनकर की बरात की प्रतीक्षा की जा रही थी।
बरात में शामिल सफारी कार में संदीप सोनकर के पांच चचेरे भाई 46 वर्षीय राजू सोनकर, 45 वर्षीय बबलू सोनकर, 35 वर्षीय श्याम लाल सोनकर, प्रकाश सोनकर व मंगल सोनकर सवार थे। रात करीब 10.30 बजे कार बेकाबू होकर पुल की रेलिंग तोड़ते हुए 20 फीट नीचे नाले में गिर गई। दो सगे भाइयों बबलू सोनकर, श्याम लाल सोनकर व राजू सोनकर की मौके पर ही मौत हो गई।
सगे भाई प्रकाश व मंगल सोनकर गंभीर रूप से घायल हो गए। हादसे के समय अन्य वाहनों में सवार दूल्हा संदीप सोनकर और अन्य बराती लगभग पांच किलोमीटर आगे सेवईं नाला पहुंच चुकी थी। दुर्घटना की खबर लगते ही चौकी प्रभारी रोहित राज यादव मय फोर्स मौके पर पहुंच गए। ग्रामीणों की सहायता से हताहतों को बुरी तरह क्षतिग्रस्त कार से निकालकर एंबुलेंस से जिला अस्पताल भेजा और बरातियों को सूचना दी। दूल्हा सहित सभी बराती वहीं से अस्पताल रवाना हो गए।
एसपी डॉ. कौस्तुभ मातहतों के साथ जिला अस्पताल पहुंच गए। डाक्टरों ने हॉलत गंभीर देखते हुए प्रकाश व मंगल सोनकर को बीएचयू ट्रामा सेंटर ले जाने की सलाह दी। दूल्हा व बराती जिला अस्पताल से ही हताहतों को लेकर वाराणसी वापस लौट गए।
पुल की रेलिंग टूटी होना तो नहीं बना हादसे का सबब
करीब दो वर्ष पूर्व उक्त नाले पर बने पूल की रेलिंग ट्रक के धक्के से टूट गई थी। विभागीय उदासीनता के चलते उक्त रेलिंग की आज तक मरम्मत नहीं हो सकी है। अगल-बगल झाड़ियां उग जाने से क्षतिग्रस्त रेलिंग का पता नहीं चलता। दो दिन पूर्व रेलिंग की मरम्मत का कार्य शुरू हुआ है। सड़क किनारे पर ईंंट व मोरंग बालू का ढेर लगा था। आशंका जताई जा रही है कि बालू के ढेर पर चढ़ जाने से कार बेकाबू होकर रेलिंग से नीचे गिर गई।
बबिता की नहीं हो सकी शादी
हादसे की खबर लगते ही कन्या पक्ष के लोग भी स्तब्ध रह गए। हंसी-खुशी का माहौल पलक झपकते ही दुखदायी हो गया। किसी तरह रेनू का विवाह का रस्में सादगी के साथ पूरी हुईं। बबिता का विवाह नहीं हो सका। बबिता की मां राजमनि देवी व पिता लक्ष्मण के एक साथ दोनों बेटियों के हाथ पीले करने के अरमान अधूरे रह गए। |