Shani Margi 2025: तुला से धनु राशि।
आनंद सागर पाठक, एस्ट्रोपत्री। जब भगवान शनि मीन राशि में मार्गी (Shani Margi 2025) होते हैं, तो वे क्षेत्र फिर से आगे बढ़ने लगते हैं जो पिछले समय में रुकावट या देरी का सामना कर रहे थे। यह समय अंदर से मजबूत बनाने वाला सिद्ध होगा। साथ ही हीलिंग, मानसिक स्पष्टता और हालात का सामना करने की हिम्मत मिलेगी। ऐसे में आइए जानते हैं कि 28 नवंबर 2025 को शनि देव के मीन राशि में मार्गी होने पर तुला से लेकर धनु राशि पर क्या प्रभाव पड़ेगा? विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
तुला (Libra) – 28 नवंबर 2025 को मीन राशि में शनिदेव के मार्गी होने का प्रभाव
तुला राशि वालों के लिए शनिदेव का मार्गी होना षष्ठ भाव (सेवा, स्वास्थ्य और प्रतिस्पर्धा) को सक्रिय करता है। आप चुनौतियों पर काबू पा सकते हैं और काम में मजबूती ला सकते हैं। जिन कामों में धैर्य और फोकस की जरूरत होती है, वे अब आसानी से पूरे हो सकते हैं। शनिदेव की दृष्टि बारहवें भाव (अनजाना भय, खर्च और आध्यात्मिकता) पर रहेगी। यह पुराने डर छोड़ने, मन को शांत करने और आध्यात्मिक स्पष्टता पाने का संकेत देता है। आपकी सहनशक्ति पहले से अधिक मजबूत होगी।
उपाय
. शनिवार को लोहे की वस्तुओं का दान करें।
. मन को स्थिर करने के लिए रोज मेडिटेशन करें।
वृश्चिक (Scorpio) – 28 नवंबर 2025 को मीन राशि में शनिदेव के मार्गी होने का प्रभाव
वृश्चिक राशि के लिए शनिदेव का यह गोचर पंचम भाव (संतान, शिक्षा, प्रेम और रचनात्मकता) को प्रभावित करता है। पढ़ाई, प्रेम संबंध और रचनात्मक कार्यों में अनुशासन बढ़ता है। बच्चों से जुड़े मामले भी धीरे-धीरे स्थिर हो सकते हैं। पंचम भाव में स्थित शनिदेव ग्यारहवें भाव (लाभ, सपने और सोशल सर्कल) पर दृष्टि डालते हैं। इस वजह से लक्ष्य पूरे होने, लाभ बढ़ने और लोगों का सहयोग मिलने की स्थिति बन सकती है। नियमित प्रयास और धैर्य बड़े नतीजे देंगे।
उपाय
. सुबह के समय कौओं को भोजन कराएं।
. मानसिक स्थिरता के लिए गहरे रंग का ब्रेसलेट पहनें।
धनु (Sagittarius) – 28 नवंबर 2025 को मीन राशि में शनिदेव के मार्गी होने का प्रभाव
धनु राशि वालों के लिए मीन राशि में शनिदेव का मार्गी होना चतुर्थ भाव (घर, संपत्ति और मानसिक शांति) को सक्रिय करता है। परिवार से जुड़ी जिम्मेदारियां बढ़ सकती हैं, लेकिन आगे चलकर इसका अच्छा फल मिलेगा। घर, संपत्ति और भावनात्मक स्थिरता से जुड़े मामलों में धीरे-धीरे सुधार आ सकता है। शनिदेव की दृष्टि दशम भाव (कर्म और करियर) पर रहती है। इसलिए काम में कड़ी मेहनत, अनुशासन और जिम्मेदारी की आवश्यकता होगी। यह समय मजबूत नींव बनाने का संकेत दे रहा है।
उपाय
. जरूरतमंदों को दूध और चावल का दान करें।
. नियमित रूप से शनिदेव के मंत्रों का जाप करें।
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लेखक: श्री आनंद सागर पाठक, Astropatri.com, फीडबैक के लिए लिखें: hello@astropatri.com। |