राम सिंह वर्मा उर्फ भुल्लन
प्रहलाद तिवारी, जागरण, बाराबंकी : उत्तर प्रदेश भाजपा ने जिले में अध्यक्ष पद पर एक वर्ष से चल रही उठापटक व कयासों पर बुधवार देर रात विराम लगा दिया। प्रदेश नेतृत्व ने राम सिंह उर्फ भुल्लन वर्मा के नाम पर अंतिम मुहर लगाकर सूची जारी की। उनके नाम की घोषणा कर भाजपा ने चौंकाया जरूर, लेकिन ताजपोशी अप्रत्याशित नहीं रही। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
भाजपा नेतृत्व ने राम सिंह उर्फ भुल्लन वर्मा को अध्यक्ष बरकरार रख एक तीर से कई निशाने साधे हैं। कार्यकर्ताओं को स्पष्ट संदेश देने के साथ ही भाजपा ने पीडीए के एक बड़े वर्ग (कुर्मी) मतदाताओं को साधने का प्रयास किया है। भुल्लन मूलरूप से जैदपुर विधानसभा क्षेत्र के मसौली के रहने वाले हैं। वर्ष 2012 में हुए परिसीमन से पहले मसौली विधानसभा क्षेत्र हुआ करता था। परिसीमन के बाद अब जैदपुर (सुरक्षित) के नाम से विधानसभा क्षेत्र बना है।
जिले के कद्दावर नेता रहे स्व. बेनी प्रसाद वर्मा व उनके पुत्र राकेश वर्मा इस सीट से कई बार सदन पहुंच चुके हैं। आज भी उनका इस क्षेत्र में प्रभाव परिणामों में झलकता है। मसौली ही नहीं जिले के कुर्मी मतदाताओं में बेनी बाबू के प्रति अपनत्व का भाव झलकता है। कुर्सी, जैदपुर, दरियाबाद व रामनगर विधानसभा क्षेत्र में कुर्मी मतदाता निर्णायक भूमिका में रहते हैं। ऐसे में भाजपा का यह कदम खास रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है।
राजनीतिक हलकों में भाजपा के कदम को इस वर्ग के बड़े वोट बैंक को साधने के रूप में देखा जा रहा है। इसके साथ ही बेनी प्रसाद वर्मा परिवार के प्रभाव को चुनौती देने की दिशा में उठाया गया रणनीतिक कदम भी माना जा रहा है। आगामी पंचायत व विधानसभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए भाजपा ने संगठन को नए सिरे से ऊर्जा देने के साथ जातीय समीकरण व संतुलन बनाने का भी प्रयास किया है।
29 कार्यकर्ताओं ने की थी दावेदारी
मार्च माह में भाजपा ने 70 जिला व महानगर अध्यक्षों के नाम की घोषणा की थी, उनमें बाराबंकी नहीं शामिल था। पिछले वर्ष भाजपा संगठन चुनाव दिसंबर माह में हुआ था। जिले के 29 कार्यकर्ताओं ने जिलाध्यक्ष पद पर दावेदारी की थी। इनमें अरविंद मौर्य, प्रमोद तिवारी, अवधेश श्रीवास्तव, संदीप गुप्ता, भुल्लन वर्मा, संतोष सिंह, हर्षित वर्मा, विजय आनंद बाजपेई, हरगोविंद सिंह शामिल थे। पार्टी के अंदर गुटबाजी और राजनीतिक दबाव का खतरा प्रदेश नेतृत्व ने भांपते हुए घोषणा रोक दी थी। अब गहन मंथन के बाद निर्विवादित कार्यकर्ता के नाम पर मुहर लगाई है।
वैचारिक पृष्ठभूमि को वरीयता
भाजपा ने इस बार जिलाध्यक्ष पद पर मूल कार्यकर्ता को वरीयता दी है। खांटी भाजपाई व राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की पृष्ठभूमि से आने वाले भुल्लन वर्मा ने वर्ष 1990 में मसौली के बूथ अध्यक्ष पद से अपनी राजनीति की शुरुआत की। इसके बाद संगठन के विभिन्न पदों मंत्री, उपाध्यक्ष व महामंत्री का दायित्व निष्ठापूर्वक निभाया। लगातार दूसरी बार जिला पंचायत सदस्य का चुनाव जीत कर जनता के बीच अपनी पैठ भी साबित कर चुके हैं। लोकसभा चुनाव में लगभग दो लाख 15 हजार मतों से पराजित होने के बाद से ही भाजपा वैचारिक पृष्ठभूमि से जुड़े कार्यकर्ता की ताजपोशी होनी तय मानी जा रही थी। |