बेनीताल में एस्ट्रोवीक के तहत दूरबीनों से खगोलीय पिंडों के दीदार करते देश-विदेश से पहुंचे पर्यटक। साभार अमर खान
संवाद सहयोगी, जागरण, कर्णप्रयाग: कर्णप्रयाग से 25 किमी की दूरी पर पहले एस्ट्रो विलेज में सुमार बेनीताल में इन दिनों एस्ट्रोवीक-सीजन तीन में देशभर से पहुंचे खगोलीय प्रेमी आकाशीय पिंडों का प्रकृति के शांत वातावरण और मधुर संगीत के बीच अनदेखे रहस्यों को अपनी स्मृतियों में कैद कर रहे हैं। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
शनिवार को बेनीताल में तारों, तकनीक और हिमालय का अद्भुत संगम बेनीताल में प्राकृतिक सौंदर्य के बीच प्रकृति प्रेमियों ने अनोखा अनुभव प्राप्त किया। इस दौरान यहां की प्राकृतिक सुंदरता, हिमालय का मनोरम दृश्य देशी-विदेशी प्रकृति प्रेमियों को काफी पसंद आ रहा है।
बेनीताल में होमस्टे संचालित करने वाले विक्रम कठैत ने कहा कि नए वर्ष के आगमन के बाद पर्यटन विभाग की पहल पर स्थापित एस्ट्रोविलेज की परिकल्पना अब साकार हो रही है। यहां तीसरी बार आयोजित चांद-सितारों को प्राकृतिक संगीत के बीच निहारना यादगार बन रहा है।
शनिवार को दिन की शुरुआत बेनीताल में लैंडस्केप और प्रकृति फोटोग्राफी सत्र से हुई, जहां अनुभवी फोटोग्राफर शाहिद हाशमी ने प्रकाश, कम्पोजिशन और दृश्य-निर्माण की बारीकियां सिखाईं। दोपहर के सत्र में प्रतिभागियों ने कम्पोजिशन, कैमरा सेटिंग्स, प्लानिंग और बेनीताल के आसपास की प्राकृतिक सुंदर स्थलों पर अभ्यास किया।
खगोलीय फोटोग्राफर अजय तलवार ने प्रतिभागियों को इमर्सिव पैनोरामा, जुपिटर (बृहस्पति), (शनि) ग्रह अवलोकन, लंबे एक्सपोजर तकनीकों और नक्षत्र पहचान पर मार्गदर्शन दिया। टेलिस्कोप और आटो-ट्रैकिंग सिस्टम का उपयोग करते हुए प्रतिभागियों ने ग्रहों, आकाशीय पिंडों और तारों के समूहों को नजदीक से देखा और समझा।
पर्यटन अधिकारी अरविन्द गौड ने बताया कि पर्यटन विभाग का प्रयास है कि इस तरह की गतिविधियों के माध्यम से एस्ट्रो-टूरिज्म को ट्रेक्स और ट्रेल्स पर्यटन से जोड़ा जाए। शनिवार को देशभर से पहुंचे 30 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया है।
कार्यक्रम में अरविंद गौड़ (पर्यटन अधिकारी, शिखर), अजय तलवार (एस्ट्रोफोटोग्राफर), शाहिद हाशमी (लैंडस्केप नेचर फोटोग्राफर), राहुल अधिकारी, संजय साह, संकल्प रस्तोगी (उत्तर प्रदेश एमेच्योर एस्ट्रोफोटोग्राफी क्लब, लखनऊ), स्वप्निल राडतोगी, उत्कर्ष मिश्रा (उत्तर प्रदेश एमेच्योर एस्ट्रोफोटोग्राफी क्लब, लखनऊ), जुगल भराली (असम) लक्ष्मीपति (कर्नाटक), अनिल सिंगरू (दिल्ली) आदि शामिल रहे।
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