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यूपी सरकार ने रेंट एग्रीमेंट के स्टांप शुल्क को 90% तक किया कम, कितना बचेगा आपका पैसा?

Chikheang 2025-11-27 01:55:55 views 987

  



जागरण संवाददाता, मेरठ। चार प्रतिशत स्टांप शुल्क के कारण किरायेदारी अनुबंध को अधिकांश लोग पंजीकृत नहीं कराते हैं। लेकिन अब इन अनुबंध का पंजीकरण खूब होगा। प्रत्येक भवन मालिक और किरायेदार अनुबंध करेंगे और उसे पंजीकृत भी कराएंगे। प्रदेश सरकार ने अनुबंध पर निर्धारित स्टांप शुल्क को 90 प्रतिशत तक कम करने का निर्णय लिया है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

निबंधन अधिकारी इस फैसले से उत्साहित हैं। बुधवार को इसका शासनादेश भी जारी हो गया।अधिकारियों का दावा है कि स्टांप शुल्क में कमी के फैसले से किरायेदारी अनुबंध के पंजीकरण की संख्या दस गुना से भी ज्यादा तक बढ़ सकती है। मेरठ में अभी तक हर महीने मात्र 70 से 80 किरायेदारी अनुबंध ही पंजीकृत हो पाते हैं।

अभी तक लगते थे दस हजार, अब एक हजार में पंजीकृत होगा एग्रीमेंट

प्रदेश सरकार ने किरायेदारी के विवाद को कम करने के लिए उनके एग्रीमेंट को पंजीकृत कराने के लिए लोगों को प्रोत्साहित करने का निर्णय लिया है। इसके लिए सरकार ने स्टांप शुल्क और निबंधन शुल्क की राशि को 90 प्रतिशत तक कम करने का निर्णय लिया है। सरकार के इस फैसले की सूचना प्रदेश के सभी जनपदों को कई दिन पहले भेजी गई थी।

बुधवार को इसका शासनादेश भी जारी कर दिया गया। जिससे मेरठ जनपद के निबंधन अधिकारी भी उत्साहित हैं। उन्होंने बताया कि दो लाख तक के वार्षिक किराया के एक साल के अनुबंध के पंजीकरण में अभी तक स्टांप और निबंधन शुल्क के मद में 10 हजार रुपये का खर्च आता था। सरकार के फैसले के बाद यह राशि मात्र एक हजार रुपये हो जाएगी।

अनुबंध पांच साल का है तो यह शुल्क 30 हजार रुपये होता था जो कि अब मात्र 3 हजार रुपये ही रह जाएगा। 10 वर्ष की अवधि के अनुबंध में यह शुल्क 40 हजार रुपये से घटकर 4 हजार रुपये हो जाएगा। इसी प्रकार दो से छह लाख तक वार्षिक किराया तथा 6 से दस लाख तक वार्षिक किराया राशि के लिए स्टांप शुल्क की राशि को पूर्व निर्धारित शुल्क से केवल दस प्रतिशत निर्धारित किया गया है।

अभी होते हैं हर महीने 70, बदलाव से पंजीकृत होंगे एक हजार अनुबंध

सहायक महानिरीक्षक निबंधन तथा सहायक आयुक्त स्टांप शर्मा नवीन कुमार एस ने बताया कि सरकार का फैसला अच्छा है। इससे अधिकांश भवन मालिक और किरायेदार अपने अनुबंध का पंजीकरण कराएंगे। अभी तक पंजीकरण का न कराने का कारण स्टांप शुल्क की राशि को बचाना था।

लेकिन अब स्टांप शुल्क और निबंधन शुल्क की राशि नाममात्र ही रह गई है। जिसके बाद अनुबंध के पंजीकरण की संख्या दस गुना तक ज्यादा हो जाएगी। उसी के मुताबिक स्टांप और निबंधन शुल्क की आय भी बढ़ जाएगी।जनपद में हर महीने 70 से 80 अनुबंध का पंजीकरण औसतन होता है। इस वर्ष अक्टूबर तक 812 किरायेदारी अनुबंध पंजीकृत हुए हैं। इसका शासनादेश भी प्राप्त हो गया है।

ये होंगे लाभ

- प्रत्येक भवन मालिक और किरायेदार कराएंगे अनुबंध और उसका पंजीकरण।

- भवन मालिक और किरायेदारों के विवाद कम होंगे।

- पारदर्शिता बढ़ेगी, अवैध एजेंटों पर रोक लगेगी।

- निबंधन विभाग की आय बढ़ेगी।


बदला हुआ स्टांप एवं निबंधन शुल्क (2025 के अनुसार)
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    वार्षिक किराया राशि पुराना शुल्क (₹) नया शुल्क (₹) कमी (₹)
  [/tr]
  
एक वर्ष तक के अनुबंध
2 लाख तक10,0001,0009,000
2 से 6 लाख तक30,0003,00027,000
6 से 10 लाख तक50,0005,00045,000

[tr]
    वार्षिक किराया राशि पुराना शुल्क (₹) नया शुल्क (₹) कमी (₹)
  [/tr]
  
पांच वर्ष तक के अनुबंध
2 लाख तक30,0003,00027,000
2 से 6 लाख तक90,0009,00081,000
6 से 10 लाख तक1,50,00012,0001,38,000

[tr]
    वार्षिक किराया राशि पुराना शुल्क (₹) नया शुल्क (₹) कमी (₹)
  [/tr]
  
दस वर्ष तक के अनुबंध
2 लाख तक40,0004,00036,000
2 से 6 लाख तक1,20,00015,0001,05,000
6 से 10 लाख तक2,00,00020,0001,80,000
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