जागरण संवाददाता, दक्षिणी दिल्ली। जामिया मिल्लिया इस्लामिया के कुलपति प्रो. मजहर आसिफ ने 10 नवंबर को दिल्ली के लाल किले के पास हुए कार विस्फोट की कड़ी निंदा की और इसे निर्दोष नागरिकों को निशाना बनाने और राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में डालने वाला \“\“आतंकवाद का एक नृशंस और जघन्य कृत्य\“\“ बताया। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
उन्होंने कहा कि संकट की इस घड़ी में जामिया \“\“आतंकवाद के सभी रूपों और अभिव्यक्तियों के प्रति जीरो टाॅलरेंस की नीति के प्रति उसकी अटूट प्रतिबद्धता\“\“ में भारत सरकार के साथ दृढ़ता से खड़ा है।
हमले में जान गंवाने वालों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए कुलपति ने कहा कि भारत को विश्व में अहिंसा और शांति के उदाहरण के रूप में देखा जा रहा है। ऐसे समय में इस तरह की आतंकवादी घटनाएं हमारे दृढ़ संकल्प और देशभक्ति को जरा भी डिगा नहीं सकेंगे।
हम और अधिक दृढ़ता के साथ आगे बढ़ेंगे। उन्होंने कहा कि इस तरह के आतंकी कृत्य उन मूल्यों और सिद्धांतों- शांति, सद्भाव और एकता के विरुद्ध हैं जिन्हें इस महान राष्ट्र और हमारी समृद्ध सभ्यता ने लंबे समय से कायम रखा है। यह संदेश प्राचीन काल से ही भारतीय दार्शनिकों और विचारकों द्वारा और वर्तमान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा पूरी दुनिया में प्रसारित किया जाता रहा है।
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