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सुंदरकांड और हनुमान चालीसा का जब हुआ पाठ तो धू-धूकर जला रावण, बारिश में भी उमड़ी भीड़

LHC0088 2025-10-3 12:35:47 views 1248

  सुंदरकांड व हनुमान चालीसा का जब हुआ पाठ तो धू-धूकर जला रावण





जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। विजय दशमी पर वर्षा ने जहां राम भक्तों के साथ ही रामलीला आयोजक समितियों को मायूस किया। दशहरा के मुख्य आकर्षण रावण, कुंभकरण व मेघनाथ के पुतलों का दहन करने में जहां भारी परेशानी आई, वहीं एक आयोजन स्थल ऐसा भी रहा जहां गायकों के साथ भक्तों के हनुमान चालीसा व सुंदरकांड के पाठ के बाद रावण समेत तीनों पुतले धू-धू जल उठे। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

यह वाक्या लालकिला मैदान परिसर स्थित नवश्री रामलीला समिति की है, जहां के पुतले वर्षा से बुरी तरह भीग चुके थे तथा मुख्य अतिथि पूर्व सांसद जेपी अग्रवाल द्वारा सांकेतिक तीर चलाने के बाद पुतला कर्मी पुतलों में आग लगाने की कोशिश में जुटे रहे, लेकिन वह हर बार असफल हो रहे थे।



ऐसे में आयोजकों को युक्ति आई और उन्होंने मंच से ही हनुमान चालीसा का पाठ करना आरंभ किया, इसके बाद सुंदर कांड पढ़ा जाने लगा। जिसे पंडाल में जुटे भक्त भी दोहराने लगे। आखिरकार यह सामूहिक प्रयास सफल रहा और तीनों पुतले जल उठे।

इस लीला के मंच पर वैसे तो कांग्रेस पार्टी की मुख्य अतिथि सोनिया गांधी तथा पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी को भी आना था, लेकिन वर्षा के चलते लीला परिसर में अव्यवस्था के चलते उन दोनों का कार्यक्रम अंत समय में निरस्त करना पड़ा। उसके बाद भी भारी संख्या में श्रद्धालु पुतला दहन देखने जुटे रहे।



फिल्म अभिनेता बाबी देओल ने लवकुश रामलीला में चलाया सांकेतिक तीर



लालकिला मैदान में आयोजित लव कुश रामलीला कमेटी के मंच से फिल्म अभिनेता बाबी देओल ने सांकेतिक तीर चलाकर बुराई पर अच्छाई की जीत का संदेश दिया। उनके साथ अभिनेता, निर्माता निखिल द्विवेदी ने रामभक्तों के साथ लीला का अवलोकन किया। उन्होंने प्रभु श्री राम को तिलक लगाकर प्रभु की चरण वन्दना की और उनसे आशीर्वाद लिया।



मंच पर लीला कमेटी के प्रधान अर्जुन कुमार ने बाबी देओल व निखिल द्विवेदी को शक्ति का प्रतीक गदा, प्रभु श्रीराम की मूर्ति, पट्टका पहनाकर सम्मान किया।
राम-रावण युद्ध ने किया अचंभित



लवकुश रामलीला में गणेश वंदना से लीला का प्रारंभ हुआ। रावण के द्वारा शंकर जी पूजा, चन्द्रहास तलवार का गिरना, राम-रावण युद्ध, रावण वध का मंचन किया गया। जब रावण के पुतले पर तीर चला उस वक्त नाभी से अमृत गिरा,आंखे मटक रही थी, आंखों से खून के आंसू गिर रह थे, हाथ की तलवारें घुमती नजर आ रही थी, गले की मालाएं रंग- बिरंगी अलग अलग रंगों में थी, मुंह से हे राम, हे राम का जयघोष करते हुए जब पुतलों का दहन हुआ तो लीला स्थल के चारों और बड़े बड़े 12 ट्रैक स्टीरियो फ़ोनिक साउंड डिजिटल साउंड सिस्टम युक्त स्पीकर्स से पुतलों में लगाए पटाखों की तेज आवाज लीला ग्राउंड ने चारो और गूंज उठी और एक बाद एक रावण, कुंभकरण, मेघनाद के पुतले जलते हुए गिरे।


वर्षा ने किया भक्तों को मायूस, समितियों को लाखों का घाटा



वैसे, वर्षा ने इस बार विजयदशमी उत्सव को काफी फिका किया। विजयदशमी की तैयारियां काफी हद तक प्रभावित हुई। कई स्थानों पर भीगे रावण, मेघनाथ व कुंभकरण के पुतलों को जलाने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ा।

टेंट, पंडाल, सोफे, कारपेट, चादरों के खराब हो जाने के साथ ही लीला परिसर में कीचड़ हो जाने से कम संख्या में भक्त पहुंचे वहीं मुख्य अतिथियों का आगमन निरस्त हुआ। चैंबर आफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री (सीटीआइ) के चेयरमैन बृजेश गोयल के अनुसार, यह नुकसान दिल्ली भर के रामलीलाओं को मिलाकर करीब 400 से 500 करोड़ रुपये का होगा। इसके पूर्व मंगलवार को भी वर्षा ने रामलीला आयोजन स्थल पर भारी नुकसान पहुंचाया था।
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