उत्तराखंड में खुलेगी फायटो सेनेटरी लैब।
राज्य ब्यूरो, देहरादून। उत्तराखंड से फल-सब्जी व कृषि उत्पादों के निर्यात के दृष्टिगत अब यहां के किसानों एवं निर्यातकों को फायटो सेनेटरी प्रमाणपत्र के लिए भटकना नहीं पड़ेगा। कृषि मंत्री गणेश जोशी ने दिल्ली में केंद्रीय उद्योग एवं वाणिज्य मंत्रालय की ओर से आयोजित बोर्ड आफ ट्रेड बैठक के दौरान केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल के समक्ष यह विषय प्रमुखता से रखा। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
कृषि मंत्री के अनुसार केंद्रीय मंत्री गोयल ने कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) को उत्तराखंड में फायटो सेनेटरी लैब की स्वीकृति प्रदान करने के निर्देश दिए हैं।
कृषि मंत्री जोशी के अनुसार उन्होंने उत्तराखंड के निर्यात क्षेत्र की प्रमुख चुनौतियों को केंद्रीय मंत्री के समक्ष रखा। उन्होंने कहा कि राज्य में अभी तक विदेश में निर्यात वाले उत्पादों की अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप जांच के लिए कोई उन्नत टेस्टिंग लैब नहीं है।
ऐसे में फल-सब्जी व अन्य खाद्य उत्पादों के परीक्षण के लिए किसानों एवं निर्यातकों को चंडीगढ़, लखनऊ, सहारनपुर, गाजियाबाद समेत अन्य स्थानों में स्थित फायटो सेनेटरी लैब पर निर्भर रहना पड़ता है। इससे निर्यात प्रक्रिया में अनावश्यक विलंब होने के साथ ही समय व धन दोनों की हानि होती है। साथ ही प्रतिस्पर्धी बाजारों में उत्तराखंड के उत्पादों को अतिरिक्त चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।
कैबिनेट मंत्री जोशी ने केंद्रीय मंत्री से अनुरोध किया कि राज्य में एपीडा के माध्यम से फायटो सेनेटरी लैब की स्वीकृति दी जाए। फल-सब्जी व खाद्य उत्पादों के निर्यात के लिए फायटो सेनेटरी प्रमाणपत्र आवश्यक होता है। मंत्री जोशी ने राज्य में इस लैब के संबंध में महत्वपूर्ण निर्णय लेने के लिए केंद्रीय मंत्री के प्रति आभार जताया है।
कैबिनेट मंत्री जोशी ने इससे पहले बोर्ड आफ ट्रेड बैठक में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के प्रतिनिधि के रूप में भाग लेते हुए कहा कि राज्य में निर्यात प्रोत्साहन नीति लागू है। इसके तहत अगले पांच वर्ष में निर्यात के लक्ष्य को 15,000 करोड़ से बढ़ाकर 30,000 करोड़ रुपये तक पहुंचाने का लक्ष्य है।
वर्तमान में राज्य मे फार्मा, प्लास्टिक, केमिकल व आटोमोबाइल उत्पादों का संयुक्त अरब अमीरात, अमेरिका, सिंगापुर समेत अन्य देशों को निर्यात हो रहा है। उन्होंने बताया कि पंतनगर व काशीपुर में दो आइसीडी संचालित हैं, जबकि हरिद्वार में निर्माणाधीन है।
निर्यात नीत और लॉजिस्टिक नीति ने राज्य की निर्यात क्षमता को मजबूत आधार प्रदान किया है। स्थानीय उत्पादों के अंब्रेला ब्रांड हाउस आफ हिमालयाज ने कृषि एवं औद्यानिकी उत्पादों को वैश्विक बाजार में नई पहचान दी है। |