झारखंड सरकार के पूर्व मंत्री सत्यानंद भोक्ता। (फाइल फोटो)
राज्य ब्यूरो, रांची। एसीबी के विशेष न्यायाधीश ओंकार नाथ चौधरी की अदालत में पूर्व मंत्री सत्यानंद भोक्ता की डिस्चार्ज याचिका पर मंगलवार को सुनवाई हुई। दोनों पक्षों की बहस पूरी होने के बाद अदालत ने निर्णय लंबित रख लिया।
अदालत अपना निर्णय नौ दिसंबर को सुनाएगी। इससे पूर्व याचिकाकर्ता की हाई कोर्ट के वरीय अधिवक्ता राजेंद्र कृष्ण और एनएन तिवारी की ओर से कहा गया कि घोटाले में सत्यानंद भोक्ता बिल्कुल निर्दोष हैं। इन पर घोटाले का आरोप नहीं बनता है। मामले से डिस्चार्ज किया जाए। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
एसीबी की ओर से आलोक कुमार ने विरोध करते हुए कहा कि घोटाले के पर्याप्त सबूत हैं। दोनों का पक्ष सुनने के बाद अदालत ने निर्णय लंबित रख लिया। मामले में आरोपितों पर आरोप गठित किया जाना है। मंत्री सत्यानंद भोक्ता ने आरोप मुक्त करने के लिए 25 मई डिस्चार्ज याचिका अदालत में दाखिल की है।
बता दें कि 2003-05 में बीज और कृषि उपकरण की खरीद आवश्यक प्रक्रियाओं का पालन किए बिना मनपसंद कंपनी से की गई थी, जिसकी जांच एसीबी ने की थी। उस जांच में 46.10 करोड़ के घोटाले का मामला सामने आया था।
इसको लेकर साल 2009 में निगरानी थाना में प्राथमिकी दर्ज की गई थी। इस घोटाले में तत्कालीन कृषि मंत्री सत्यानंद भोक्ता, पूर्व मंत्री नलिन सोरेन, तत्कालीन कृषि सचिव वी जयराम, निस्तार मिंज, दिलीप गाड़ोदिया सहित अन्य को आरोपित बनाया गया है। सभी पर सरकारी धन का दुरुपयोग कर घोटाला करने का आरोप है।
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