डेढ़ माह से अधिक का समय बीतने के बाद भी 14 फीसद हुई खरीद।
जागरण संवाददाता, हरदोई। किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य योजना का लाभ दिलाने को लेकर खोले गए सरकारी केंद्रों पर धान खरीद की रफ्तार सुस्त है, जिसके चलते किसानों को उपज का वाजिब मूल्य मिलता नहीं दिख रहा है। खाद्य विभाग के आंकड़े कुछ यही गवाही कर रहे हैं, एक माह 23 दिन बीतने के बावजूद निर्धारित लक्ष्य के सापेक्ष 14 फीसद ही धान खरीद हो पाई है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
एक अक्टूबर से धान खरीद की शुरुआत हुई है। शासन ने धान खरीद को लेकर जनपद को 2,33,000 मीट्रिक टन धन क्रय का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। जिला प्रशासन ने लक्ष्य पूर्ति को लेकर छह क्रय एजेंसियाें के 97 क्रय केंद्र बनाए हैं, जिन पर धान खरीद की रफ्तार सुस्त है।
एक माह 23 दिन बीत चुके हैं, लेकिन क्रय केंद्रों पर सिर्फ 34,539 मीट्रिक टन धान ही खरीदा जा सका है। यह निर्धारित दो लाख 33 हजार मीट्रिक टन के लक्ष्य का मात्र 14 फीसद है।
जिला खाद्य विपणन अधिकारी निहारिका ने बताया कि सभी केंद्र प्रभारियों को किसानों से संपर्क कर टोकन जारी करने और धान क्रय करने को निर्देशित किया गया है।
सरकारी केंद्र पर धान बेचने को 15,506 किसानों ने कराया पंजीयन
सरकारी क्रय केंद्रों पर धान बेचने के लिए 15,506 किसानाें ने पंजीयन कराया है, जिसमें 13,838 किसानों के अभिलेखों का सत्यापन हुआ है। इनमें से सिर्फ 4,582 किसान ही सरकारी केंद्र पर धान की बिक्री कर सके हैं। 11 हजार किसान सरकारी केंद्र पर धान बेचने के लिए भटक रहे हैं।
टोकन सिस्टम में मनमानी के चलते किसानों को हो रही परेशान : सरकारी धान खरीद केंद्रों पर किसानों को टोकन जारी करने के निर्देश हैं, लेकिन केंद्र प्रभारी टोकन जारी करने में मनमानी कर रहे हैं।
इसके अलावा जिन्हें टोकन दिया जाता है, उन किसानों को धान की तौल कराने में समस्याओं का सामना करना पड़ता है। किसानों को कई दिनों तक धान की तौल कराने के लिए इंतजार करना पड़ता है।
क्रय केंद्रवार धान खरीद पर नजर
क्रय एजेंसी आवंटित धान क्रय लक्ष्य (मीट्रिक टन में) अब तक की गई धान खरीद (मीट्रिक टन में)
विपणन शाखा
1,10,000
14,353.58
पीसीएफ (PCF)
40,000
6,011.54
पीसीयू (PCU)
48,000
6,550.30
यूपीएसएस (UPSS)
24,000
5,075.79
मंडी समिति
9,000
2,486.90
भारतीय खाद्य निगम (FCI)
2,000
61.04
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