कस्तूरबा गांधी विद्यालय का निरीक्षण करतीं राज्य महिला आयोग अध्यक्ष डा. बबीता चौहान।
जागरण संवाददाता, आगरा। खेरागढ, सैंया स्थित कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय में अनियमितताएं, लापरवाही और शिक्षक राजनीति हावी है, जिससे विद्यालय में पढ़ाई का कोई माहौल नहीं है।
शिक्षकों ने बच्चों को अपने-अपने गुटों में बांट लिया है, जिससे सभी हमेशा एक-दूसरे की बुराई करते रहते हैं। विद्यालय में न पढ़ाई अच्छी है, न खाना-पीना और न सफाई।
लगातार शिकायतें मिलने पर उप्र राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डा. बबीबा सिंह चौहान ने जब विद्यालय का निरीक्षण किया, तो वहां की स्थिति देख वह भी हैरान रह गईं।
उन्होंने बताया कि विद्यालय में चारों ओर अव्यवस्थाएं ही अव्यवस्थाएं थीं। न साफ-सफाई थी, न खान-पान की स्थिति और स्तर अच्छा था। विद्यालय में चार शिक्षिकाएं हैं, लेकिन चारों में मतभेद हैं। स्थिति यह है कि उन्होंने सभी बच्चों को अपने-अपने पक्ष में करके चार गुट में बांट दिया है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
इस कारण सभी बच्चे एक-दूसरे की बुराई करते रहते हैं। पढ़ाई के नाम पर कुछ नहीं हो रहा। शैक्षिक स्तर बहुत ही खराब है। जबकि प्रदेश में अन्य स्थानों पर संचालित कस्तूरबा गांधी विद्यालय माडल के रूप में सफलता पूर्वक संचालित हैं।
यहां की स्थिति जांचने मैं पांच-छह महीने पहले भी गई थी, तब भी यही स्थिति मिली थी। तब मैंने जिला बेसिक शिक्षाधिकारी को स्थिति सुधारने के निर्देश दिए थे। लेकिन अब तक विद्यालय में कोई बदलाव नहीं दिख रहा है। यह सरकार के रुपयों के दुरुपयोग जैसा है।
क्षेत्रीय लोगों ने भी बताया कि विद्यालय में पढ़ाई कम, राजनीति ज्यादा होती है। बच्चों को कोई सुविधा नहीं मिलती। इसके लिए मैंने डीएम को फोन कर जल्द ही निरीक्षण कर व्यवस्थाएं सुधरवाने के निर्देश दिए हैं।
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