रामजन्मभूमि पर निर्मित भव्य व दिव्य राम मंदिर। सौ. ट्रस्ट
जागरण संवाददाता, अयोध्या। असत्य पर सत्य की विजय का प्रतीक विजयदशमी पर्व रामलला के धाम में भी हर्षोल्लास से मनाया जाएगा। इस अवसर पर रामलला, राजा राम, शेषावतार लक्ष्मण और परकोटे के छह मंदिरों में प्रतिष्ठित देवी-देवताओं के अस्त्रों-शस्त्रों का विधि-विधान से पूजन भी किया जाएगा और रामलला व राजा राम का महाभिषेक करके छप्पन भोग समर्पित किया जाएगा। इस उत्सव के सहभागी श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट व विभिन्न कार्यदायी एजेंसियों से जुड़े लोगों के साथ रामनगरी के प्रमुख संत-महंत भी बनेंगे। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
प्राण प्रतिष्ठा के उपरांत गत वर्ष पहली बार राम मंदिर में विजयदशमी मनाई गई थी और रामलला के शस्त्रों का पूजन कराया गया था। इस वर्ष पांच जून को राम मंदिर के प्रथम तल पर राजा राम के साथ परकोटे के छह पूरक मंदिरों व शेषावतार मंदिर में भगवान शंकर, भगवान सूर्यदेव, भगवान गणेश, माता दुर्गा, माता अन्नपूर्णा, हनुमान व लक्ष्मण जी की प्रतिमाओं की भी प्राण प्रतिष्ठा कराई गई थी। इसी वजह से इस वर्ष विजयदशमी के दिन इन देवी-देवताओं के अस्त्र-शस्त्र का भी पूजन होगा।
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राम मंदिर के प्रथम तल पर राजा के रूप में भगवान श्रीराम के प्रतिष्ठित होने के कारण राज्याभिषेक समारोह के आयोजन की भी चर्चा चल रही थी, परंतु ट्रस्टी डा. अनिल कुमार मिश्र व राम मंदिर के व्यवस्थापक गोपाल राव ने इससे इन्कार किया है। विहिप पदाधिकारी गोपाल राव ने बताया कि पारंपरिक रूप से ही विजयदशमी पर्व मनाया जाएगा। इसके साथ नवरात्र को लेकर राम मंदिर व दुर्गा मंदिर में चल रहे अनुष्ठान की भी पूर्णाहुति होगी। नवरात्र के प्रथम दिन रामलला व मां दुर्गा के सम्मुख कलश स्थापित किया गया था।
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