आइएआइओएस तकनीक के इस्तेमाल से रक्षा क्षमता में सुधार हुआ है और सैनिक हाई अलर्ट पर हैं।  
 
  
 
  
 
राज्य ब्यूरो,जागरण, श्रीनगर। आइएआइओएस (एकीकृत घुसपैठ रोधी तंत्र) का अत्याधुनिकीकरण एलओसी पर भारतीय सुरक्षाबलों के अभियानों को और धारधार बना रहा है। इससे दुश्मन के किसी भी दुस्साहस का मुहंतोड़ जवाब देने और उसके किसी भी षडयंत्र को पूर्व सक्रियता की नीति के तहत विफल बनाने की सुरक्षाबलों की समर्थता में लगातार बढ़ोतरी हाे रही है। आगामी सर्दियों के दौरान एलओसी पर घुसपैठ की कोशिशों में बढ़ौत्तरी की आशंका है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें  
 
  
आइएआइओएस को लगातार अपग्रेड किया जा रहा  
 
संबधित सूत्रों ने बताया कि आइएआइओएस को लगातार अपग्रेड किया जा रहा है। इसी प्रक्रिया के तहतह एलओसी के कुछ हिस्साें पर उच्च क्षमता वाले 360-डिग्री सीसीटीवी कैमरे और अन्य इलेक्ट्रानिक सेंसर व थर्मल इमेजर लगाए गए हैं। यह चौबीस घंटे निगरानी सुनिश्चित बना रहे हैं। सेंसर और थर्मल इमेजर लंबी दूरी तक होने वाली किसी भी गतिविधि की रियल टाइम सूचना प्रदान कर रहे है।  
 
  
 
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यह हर प्रकार के मौसम में पूरी तरह सक्रिय रहते हैं। इसके अलावा जंगल, पहाड़ और नालों वाले इलाकों की हवाई निगरानी के लिए हैंडहेल्ड ड्रोन, क्वाडकाप्टर और लंबी दूरी वाले यूएवी को भी आइएआइओएस में शामिल किया गया है।इसके साथ हयूमन इंटेलिजेंस नेटवर्क को भी जोड़ा जा रहा है।  
 
  
एलओसी पार आतंकी लॉचिंग पैड फिर हुए सक्रिय  
 
एक वरिष्ठ सैन्याधिकारी के अनुसार, एलओसी के पार पाकिस्तानी सेना की निगरानी में आतंकियों के लांचिंग पैड फिर से सक्रिय हो चुके हैं। इन लांचिंग पैड पर जो उत्तरी कश्मीर में उड़ी, नौगाम, करनाह, गुरेज, टंगडार के सामने गुलाम कश्मीर में एलओसी पर हैं, मौजूद आतंकी अगले एक दो माह के दौरान विशेषकर हिमपात से पहले ज्यादा से ज्यादा संख्या मे घुसपैठ की कोशिश करेंगे।  
 
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ऐसे में आइएआइओएस का अत्याधुनिकीकरण हमारे लिए बहुत जरुरी है। तकनीक के इस इस्तेमाल से हमारी रक्षा क्षमता में बहुत ज्यादा सुधार हुआ है। यह उपकरण चौबीसों घंटे निगरानी सुनिश्चित करते हैं और सैनिकों को एलओसी पर होने वाली गतिविधियों की तत्काल जानकाीर उपलब्ध कराते हैं। अगर किसी जगह पर कोई हलचल देखी जाती है, तो तैनात जवान तुरंत इसकी पुष्टि करते हैं और बिना देरी के जरूरी कार्रवाई की जाती है।  
 
  
 
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सेना हमेशा हाई अलर्ट पर रहती है  
 
टेक्नोलाजी हमें तुरंत जानकारी प्रदान करने के साथ ही उस पर तत्काल कार्रवाई में समर्थ बना रही है, लेकिन दुश्मन लगातार शांति भंग करने की कोशिश करता रहता है, इसलिए सैनिक हाई अलर्ट पर रहते हैं।  
 
  
 
आइएआइओएस के अत्याधुनिकीकरण से हमें एलओसी पर और तारबंदी के आस पास के किसी भी इलाके का लाइव फीड मिलती है।रियल-टाइम निगरानी और रिमोट मानिटरिंग जैसे नवाचार सीमा की सुरक्षा और बदलते सुरक्षा खतरों से निपटने की हमारी क्षमता को बढ़ाते हैं।  
 
उन्होंने बताया टेक्नालाजी के उपयोग से हम अपने मानवसंसाधन का सदुपयोंग अन्य गतिविधियों में भी करने में समर्थ हुएहैं। उन्होंने बताया कि गत रविवार को केरन में घुसपैठ के एक प्रयास को विफल बनाने में टैक्नोलाजी ने अहम भूमिका निभाई है। घुसपैठ का रियल टाइम के आधार पर पता चला और तत्काल कार्रवाई की गईजिसमें दोनों घुसपैठिए मारे गए।  
 
  
 
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