हजारीबाग में भव्य रावण दहन की तैयारियां पूरी
जागरण संवाददाता, बरही (हजारीबाग)। विजयदशमी पर होने वाले रावण दहन को लेकर बरही, करियातपुर और बिजैया मैदानों में तैयारियां पूरी कर ली गई है। बीच-बीच में हो रही बारिश ने आयोजकों की चिंता जरूर बढ़ाई, लेकिन पुतलों को सुरक्षित रखा गया। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
गुरुवार पूर्वाह्न बारिश थमते ही पुतलों को मैदान में स्थापित करने का काम शुरू कर दिया गया। बारिश हो या न हो, सभी जगह शाम छह बजे से रावण दहन का कार्यक्रम निर्धारित है। रावण दहन दौरान बरही के तीनों समितियों के विशेष टीमों द्वारा रंगारंग आतिशबाजी भी आकर्षण का केंद्र बनेगी।
बरही प्रखंड मैदान में 50 फीट का रावण संग कुंभकरण-मेघनाथ
बरही प्रखंड मैदान में 50 फीट ऊंचा रावण साथ 45-45 फीट ऊंचे कुंभकरण व मेघनाथ के पुतलों का दहन होगा। यहां सार्वजनिक दुर्गा पूजा समिति धनबाद रोड द्वारा दशकों से रावण दहन किया जाता रहा है। जहां हजारों की संख्या में जन सैलाब उमड़ती है।
समिति के अध्यक्ष अमित कुमार केशरी ने बताया कि इस बार और भी भव्य तैयारी की गई है। मुख्य अतिथि बरही विधायक मनोज कुमार यादव होंगे। मैदान में दर्शकों की सुरक्षा व सुविधाओं का ख्याल रखते हुए पांच रोशनी टावर, पूरे मार्ग में आकर्षक रोशनी और ध्वनि विस्तारक यंत्र की व्यस्था है। जहां रावण दहन होगा 50 फीट तक डबल बैरेकेटिंग किया गया है।
करियातपुर प्लस टू स्कूल मैदान में होगा रावण दहन
सार्वजनिक दुर्गा पूजा समिति, करियातपुर की ओर से रावण दहन होगा। महासचिव संजय केशरी ने कहा कि बारिश चिंता बढ़ाई है किंतु धूप निकलते ही पुतला स्थापित कार्य युद्ध स्तर पर शुरू कर दिया गया। हर हाल में पुतला दहन होगा।ayodhya-general,Ayodhya news,Vijayadashami celebration,Ramlala temple,Shastra puja,Shri Ram Janmabhoomi, Ayodhya temples,Hindu festival,Deity worship,Rama idol,Navratri rituals,Uttar Pradesh news
करीब 51 फीट ऊंचा रावण पुतला और रंगीन आतिशबाजी यहां की खास झलक रही है। करीब एक लाख रुपये की लागत से तैयारी की गई है। पटाखे रामगढ़ और स्थानीय बाजार से खरीदे गए हैं।
बिजैया में 51 फीट ऊंचा विशाल रावण आकर्षण का केंद्र
बिजैया मैदान में इस बार लगातार दूसरे वर्ष रावण दहन हो रहा है। सार्वजनिक दुर्गा पूजा समिति अध्यक्ष सह उप प्रमुख देवलाल प्रसाद कुशवाहा ने बताया कि यहां 51 फीट ऊंचा विशालकाय रावण पुतला तैयार किया गया है।
अधिक ऊंचाई के कारण इसे चार हिस्सों में बनाकर जोड़ा गया है। बारिश के कारण इसे सुरक्षित ढक कर रखा गया था। शाम छह बजे आकर्षक आतिशबाजी के साथ इसका दहन किया जाएगा।
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