जागरण संवाददाता, एटा। वीरांगना अवंतीबाई लोधी स्वशासी मेडिकल कालेज में बच्चों के गंभीर उपचार के लिये लंबे समय से प्रतीक्षित क्रिटिकल वार्ड अब पूरी तरह से शुरू हो गए हैं। मेडिकल कालेज प्रशासन ने एनआईसीयू, पीआईसीयू और एसएनसीयू को विधिवत संचालित करना शुरू कर दिया है। इन वार्डों के शुरू होने से जिले और आसपास के क्षेत्रों में गंभीर रूप से बीमार बच्चों को अब यहीं अत्याधुनिक सुविधाओं के साथ उपचार मिल सकेगा।
अब तक एमसीएच विंग में केवल एसएनसीयू ही संचालित था, जो सीमित सुविधाओं के साथ चलता था। गंभीर स्थिति वाले बच्चों को अक्सर बाहर रेफर करना पड़ता था, जिससे न सिर्फ उपचार में देरी होती थी बल्कि कई बार परिवहन में जोखिम भी बढ़ जाता था। नई व्यवस्था के बाद अब मेडिकल कालेज में नवजात से लेकर 10 वर्ष तक के बच्चों के लिए उन्नत श्रेणी के क्रिटिकल वार्ड उपलब्ध हो गए हैं, जिससे रेफर की जरूरत काफी कम होगी और बच्चों की जान समय पर मिले उपचार से बचाई जा सकेगी। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
जन्म के बाद अस्वस्थ बच्चों के लिए बड़ी सुविधा
एनआईसीयू वार्ड उन नवजात शिशुओं को ध्यान में रखकर बनाया गया है जो जन्म के तुरंत बाद कम वजन, सांस लेने में कठिनाई, संक्रमण, पीलिया जैसी गंभीर समस्याओं से जूझते हैं। यहां अत्याधुनिक लाइफ सपोर्ट सिस्टम, वार्मर, फोटोथेरपी, मानिटरिंग मशीनें और प्रशिक्षित विशेषज्ञों की टीम 24 घंटे तैनात रहेगी।
वहीं, पीआईसीयू वार्ड उन बच्चों के लिए तैयार किया गया है जिन्हें गंभीर बीमारी के कारण इमरजेंसी उपचार की जरूरत होती है। इनमें निमोनिया, ब्रेन इंफेक्शन, अस्थमा अटैक, डिहाइड्रेशन, हार्ट से संबंधित समस्याएं सहित कई गंभीर स्थितियां शामिल हैं। यहां बच्चों की लगातार निगरानी और त्वरित उपचार की व्यवस्था की गई है।
एसएनसीयू वार्ड अब उन्नत स्वरूप में
एसएनसीयू वार्ड जो पहले से संचालित था, अब इसे भी अधिक उन्नत स्वरूप में चलाया जा रहा है। सोमवार को एसएनसीयू में पीलिया से पीड़ित तीन नवजात शिशुओं को भर्ती किया गया। स्टाफ और डाक्टरों ने तुरंत फोटोथेरपी देकर उपचार प्रारंभ किया। डाक्टरों के अनुसार तीनों बच्चों की स्थिति नियंत्रण में है और लगातार सुधार हो रहा है। अब उपचार के लिए बड़े शहरों में भागदौड़ नहीं करनी पड़ेगी। मेडिकल कालेज प्रशासन ने आश्वस्त किया है कि बच्चों की स्वास्थ्य सेवाओं को और सुदृढ़ करने के प्रयास निरंतर जारी रहेंगे।
क्रिटिकल वार्डों के संचालन के बाद अब किसी भी गंभीर बच्चे को रेफर करने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। अस्पताल में विशेषज्ञ डाक्टर, प्रशिक्षित नर्सें और नवीनतम मशीनें भी उपलब्ध हैं। वार्डों की साफ-सफाई, सुरक्षा और संक्रमण की रोकथाम के लिए विशेष व्यवस्था की गई है। बीमार बच्चों के लिए एनआईसीयू, पीआईसीयू और एसएनसीयू वार्ड संचालित किए गए हैं।
डा. बलवीर सिंह, प्राचार्य मेडिकल कालेज एटा |