विजयादशमी पर जगन्नाथ मंदिर में भगवान का भव्य सोना वेश  
 
  
 
  
 
जागरण संवाददाता, भुवनेश्वर। विजयादशमी के पावन अवसर पर पुरी जगन्नाथ मंदिर में भगवान जगन्नाथ, प्रभु बलभद्र एवं देवी सुभद्रा जी को भव्य सोना वेश (राजराजेश्वर वेश) में सजाया गया। इसके लिए सुबह से ही मंदिर परिसर में विशेष नीतियां और पूजन-अर्चन प्रारंभ कर दी गई थी। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें  
 
विजयादशमी का दिन असत्य पर सत्य की विजय का प्रतीक माना जाता है। मान्यता है कि इसी दिन मां दुर्गा ने महिषासुर का वध कर धर्म की स्थापना की थी। इसी परंपरा के अंतर्गत आज जगन्नाथ धाम में भी विशेष अनुष्ठान किए गए हैं। मंदिर परिसर में वेद मंत्र, शंखध्वनि और घंटियों की गूंज से वातावरण भक्तिमय बन गया है।  
 
  
स्वर्णाभूषणों से सुसज्जित हुए महाप्रभु  
 
आज महाबाहु भगवान जगन्नाथ को स्वर्णाभूषणों से अलंकृत किया गया। इनमें किरीटी, चूल, चंद्रैका, अदकनी, चंद्रसूर्य, श्रीभुजा, श्रीपायर और घगड़ा माली जैसे कीमती आभूषण शामिल हैं। अवकाश नीति और मजरा पूजा के बाद महाप्रभु दिव्य सुना वेश में भक्तों को दर्शन दिए।mathura-common-man-issues, ,Dussehra celebration,Kosikalan Ramlila,Ravana effigy,Kumbhakaran Vadh,Bharat Milap mela,Kashi artists,Mandi premises,Space shortage,SDM Chhata,Dhan crop,Uttar Pradesh news     
उमड़े हजारों श्रद्धालु  
 
सुना वेश के दुर्लभ दर्शन के लिए हजारों श्रद्धालु श्रीमंदिर पहुंचे हैं। आस्था है कि इस दिव्य वेश के दर्शन से अनंत पुण्य की प्राप्ति होती है। प्रशासन ने भक्तों की भीड़ को देखते हुए विशेष इंतजाम किए हैं। पुलिस और जिला प्रशासन ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं ताकि दर्शन और आगामी गोवर्धन पूजा का उत्सव शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हो सके।  
 
  
 
कहा जाता है कि इस वेश का एक बार दर्शन करने मात्र से जन्म-जन्मांतर के पाप कट जाते हैं और अनंत पुण्य की प्राप्ति होती है।  
 
  
 
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