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इटावा में दुष्कर्म के दोषी को 10 साल की जेल, 25 हजार जुर्माना भी लगा; 20 साल बाद कोर्ट का फैसला

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जागरण संवाददाता, इटावा। अपर सत्र न्यायाधीश फास्ट ट्रैक कोर्ट प्रथम सुनीता शर्मा ने करीब बीस साल पुराने दुष्कर्म के एक मामले की सुनवाई करते हुए आरोपित को दुष्कर्म व मारपीट का दोषी पाया।

दोषी पाए जाने पर कोर्ट ने उसे 10 साल की सजा सुनाई। इसके अलावा कोर्ट ने उस पर 25 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया। जुर्माना अदा न करने पर उसे एक माह का अतिरिक्त कारावास भोगना पड़ेगा।

अपर जिला शासकीय अधिवक्ता संजीव चतुर्वेदी ने बताया कि मैनपुरी फाटक की रहने वाली एक महिला ने इकदिल थाने में दर्ज कराई रिपोर्ट में आरोप लगाया कि 30 मार्च 2005 की शाम करीब सात बजे वह अपने घर से पीसीओ पर मोबाइल में कैश कार्ड डलवाने के लिए जा रही थी तभी रास्ते में उसे राम प्रताप उर्फ टिल्लू यादव पुत्र राम सनेही व कल्लू यादव मिला। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

उन्होंने उससे कहा कि उसे उसके पति ने बुलाया। इस पर दोनों उसे बाइक पर बैठाकर ले गए। कुरट गांव के पास नहर किनारे पहुंचने पर दोनों ने तमंचे के बल पर उसके साथ दुष्कर्म किया। उसने शोर मचाने का प्रयास किया तो दोनों ने उसके मुंह में कपडा ठूंस दिया। उसके बाद भी उसने शोर मचाया तो एक ट्रक रुक गया।

ट्रक के रुकने पर दोनों उसका मोबाइल छीनकर जान से मारने की धमकी देते हुए भाग गए। तहरीर के आधार पर पुलिस ने दोनों के खिलाफ दुष्कर्म मारपीट व चोरी की धाराओं में मामला दर्ज कर लिया। छानबीन के बाद पुलिस ने दोनों के खिलाफ आरोप पत्र कोर्ट में पेश कर दिए। पुलिस ने दोनों को जेल भेज दिया।

मामले की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट प्रथम में हुई। अपर जिला शासकीय अधिवक्ता संजीव चतुर्वेदी के द्वारा पेश किए साक्ष्यों व गवाहों के आधार पर कोर्ट ने राम प्रताप उर्फ टिल्लू को दोषी पाया और उसे 10 साल की सजा व 25 हजार रुपया के अर्थदंड से दंडित किया। अपर जिला शासकीय अधिवक्ता ने बताया कि टिल्लू व कल्लू की पत्रावलियां अलग-अलग थीं। दूसरे आरोपित कल्लू को पहले ही सजा हो चुकी है।
दुष्कर्म के आरोपित को सेशन कोर्ट से हुई थी फांसी की सजा

जिला शासकीय अधिवक्ता शिवकुमार शुक्ला ने बताया कि आरोपित को पहले भी फांसी की सजा हो चुकी है लेकिन बाद में हाईकोर्ट से बरी हो गया था। उन्होंने बताया कि इकदिल थाना क्षेत्र के गांव पिलखर में 28 मई 2012 को 50 वर्षीय सुरेश यादव, 45 वर्षीय पत्नी विमला देवी, 22 वर्षीय पुत्र अवनीश, तीन पुत्रियों में 18 वर्षीय रश्मि, 15 वर्षीय श्वेता और 12 वर्षीय सुरभि की निर्ममतापूर्वक धारदार हथियारों से काट कर हत्या कर दी गई थी।

सुरेश के साले भरथना बंधारा निवासी होम सिंह ने सुरेश के भाई रामप्रताप उर्फ टिल्लू पुत्र रामसनेही, वरुणराज पुत्र राजवीर व दिलीप के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। भूमि विवाद की रंजिश में परिवार की सामूहिक हत्या का आरोप लगाया था।

शासकीय अधिवक्ता देवेंद्र कुमार तिवारी ने बताया कि दोनों पक्षों की दलीलों की सुनवाई के बाद विशेष न्यायाधीश ने 21 मार्च 2022 को निर्णय सुरक्षित कर लिया था। न्यायालय 7 मई 2022 तक बंद रहने से सुनवाई रुकी रही। इसके बाद वीडियो कान्फ्रेसिंग के माध्यम से न्यायालय में कार्य शुरू हुआ तो दोनों पक्षों को सुनने के पश्चात अदालत ने वरुणराज को दोषमुक्त कर दिया था।

अभियोजन पक्ष ने साक्ष्यों को प्रस्तुत करके कड़ी सजा की अपील की। अदालत ने मुख्य अभियुक्त रामप्रताप टिल्लू को दोषी करार देते हुए फांसी की सजा सुनाई थी और पांच लाख रुपये अर्थ दंड देने का आदेश दिया था। बाद में हाई कोर्ट ने उसे बरी कर दिया था।
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