दावा-राज्य में खाद की कमी नहीं। सांकेतिक तस्वीर
राज्य ब्यूरो, पटना। कृषि विभाग के प्रधान सचिव पंकज कुमार ने सोमवार को रबी सीजन के लिए राज्य में उर्वरक उपलब्धता, वितरण व्यवस्था और निगरानी तंत्र का आकलन किया और बताया कि पर्याप्त मात्रा में उर्वरक उपलब्ध है।
किसी भी जिला में उर्वरक की कमी नहीं है और किसानों को निर्धारित मूल्य पर उर्वरक उपलब्ध होगा। उर्वरक की कालाबाजारी और मूल्य में हेराफेरी रोकने के लिए विभाग के स्तर से नियमित छापेमारी चल रही।
28 के लाइसेंस रद
24 नवंबर तक 10 उर्वरक प्रतिष्ठानों पर अनियमितता के संबंध में प्राथमिकी दर्ज की गई है। 28 प्रतिष्ठानों के लाइसेंस निरस्त किए गए हैं।
उन्होंने सभी जिला कृषि पदाधिकारियों को जिला-स्तरीय तथा प्रखंड-स्तरीय उर्वरक निगरानी समितियों की बैठकें अविलंब आयोजित करने का निर्देश दिया।
कहा कि प्रखंडवार उर्वरकों का उप-आवंटन स्थानीय आवश्यकताओं, आच्छादन क्षेत्र और फसलवार मांग को ध्यान में रखते हुए किया जाए।
उर्वरक प्रतिष्ठानों में पाश मशीन पर प्रदर्शित स्टाक और वास्तविक उपलब्धता का नियमित सत्यापन किया जाए। यदि किसी भी प्रकार की विसंगति या अनियमितता पाई जाती है, तो संबंधित प्रतिष्ठान के विरुद्ध कार्रवाई हो।
उर्वरक की कालाबाजारी, अवैध भंडारण और अधिक मूल्य पर बिक्री रोकने के लिए कृषि विभाग के अधिकारियों की विशेष जांच टीम का गठन कर नियमित छापामारी की जाए।
अंतरराष्ट्रीय सीमा से सटे जिलों में एसएसबी के साथ समन्वय स्थापित कर उर्वरक की कालाबाजारी पर रोक लगाई जाए।
बिहार में कितनी खाद की आवश्यकता
भारत सरकार द्वारा बिहार के लिए इस रबी सीजन में 13.50 लाख टन यूरिया, 3.90 लाख टन डीएपी, 3.50 लाख टन एनपीके, 1.50 लाख टन एमओपी तथा 1.00 लाख टन एसएसपी की आवश्यकता निर्धारित है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
कितना खाद उपलब्ध है राज्य में
24 नवंबर तक राज्य में 3.38 लाख टन यूरिया, 1.66 लाख टन डीएपी, 2.48 लाख टन एनपीके, 0.60 लाख टन एमओपी और 1.12 लाख टन एसएसपी का भंडार उपलब्ध है। |