असम SR में बिना तस्वीरों वाली प्रवष्टियों की जांच करेंगे BLO (फाइल फोटो)
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। बिहार में मतदाता सूची में बिल्लियों और कुत्तों की तस्वीरें होने के दावों के बीच निर्वाचन आयोग ने असम में अपने कर्मियों को मतदाता सूची के विशेष पुनरीक्षण (एसआर) के दौरान मतदाता सूची में अनुचित एवं बिना तस्वीरों वाली प्रविष्टियों की जांच करने और उनकी जगह पंजीकृत मतदाताओं की उचित तस्वीरें लगाने का निर्देश दिया है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
गौरतलब है कि इंटरनेट मीडिया पर दावा किया जा रहा था कि बिहार में मतदाता सूची के विशेष सघन पुनरीक्षण (एसआइआर) के दौरान कुछ लोगों ने मतदाता सूची में कुत्तों और बिल्लियों की तस्वीरें डालकर व्यवस्था में खामियां दिखाईं।
क्या निर्देश किया जारी?
असम के मुख्य निर्वाचन अधिकारी को जारी निर्देशों में आयोग ने कहा कि ब्लैक एंड व्हाइट तस्वीरों, गैर संबद्ध तस्वीरों, अनुचित तस्वीरों और बिना तस्वीर वाली प्रविष्टियों के लिए \“साफ्टवेयरआधारित\“ रिपोर्ट तैयार की जानी चाहिए।आयोग के आदेश में कहा गया है, ऐसी तस्वीरों को बदलने के लिए बूथ स्तर के अधिकारी (बीएलओ) द्वारा सत्यापन किया जाना चाहिए और तस्वीर के साथ फार्म-8- मतदाताओं से अनिवार्य रूप से एकत्र किया जाना चाहिए।
बीएलओ को विकल्प के रूप में मतदाताओं की तस्वीरें लेने का भी अधिकार है। मतदाता सूची से विसंगतियों और संभावित फर्जी या एकाधिक प्रविष्टियों को हटाने के संबंध में आयोग ने कहा है कि ड्राफ्ट सूची प्रकाशित होने से पहले सभी त्रुटियों को दूर किया जाना चाहिए, पते मानकीकृत किए जाने चाहिए तथा तस्वीरों की गुणवत्ता की जांच की जानी चाहिए।
काल्पनिक मकान नंबर के इस्तेमाल के संबंध में निर्वाचन आयोग ने स्पष्ट किया कि इससे संबंधित संपत्तियों का कानूनी दर्जा प्रभावित नहीं होगा। आयोग ने कहा, काल्पनिक मकान संख्या के आवंटन के साथ ही बीएलओ को आस-पास के चिह्न का भी उल्लेख करना चाहिए ताकि पूछताछ करने पर घर की स्पष्ट पहचान हो सके।
निर्वाचन आयोग ने 17 नवंबर को असम में मतदाता सूचियों के \“विशेष पुनरीक्षण\“ का आदेश दिया था। निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार 10 फरवरी 2026 को अंतिम मतदाता सूची प्रकाशित की जाएगी। एक जनवरी 2026 को 18 साल की उम्र पूरी करने वाले इसमें शामिल हो सकेंगे।
क्या है SR?
अधिकारियों के मुताबिक असम में एसआर कराने का फैसला लिया गया है, जो एसआईआर और एसएसआर (स्पेशल समरी रिवीजन) के बीच की पहल है। एसआर में सभी मतदाताओं को एसआइआर की तरह गणना फार्म नहीं भरना होगा, लेकिन इनमें घर-घर जाकर मतदाताओं का सत्यापन होगा। वहीं एसएसआर की तरह इनमें मतदाताओं को अपने नाम, उम्र व फोटो आदि ठीक कराने का मौका मिलेगा। असम में नागरिकता का सत्यापन सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में पहले से ही चल रहा है। यह अंतिम चरण में है। इसलिए एसआर कराने का आदेश दिया गया है।
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