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गुरुग्राम में डिजिटल अरेस्ट, जमशेदपुर के खाते में आया पैसा; बैंक मैनेजर की सूझबूझ से बचे 6 करोड़

cy520520 The day before yesterday 02:07 views 1036

  

प्रस्तुति के लिए इस्तेमाल की गई तस्वीर। (जागरण)



जागरण संवाददाता, जमशेदपुर। साइबर अपराध की दुनिया में डिजिटल अरेस्ट के जरिए देशभर में दहशत फैलाने वाले गिरोहों के तार अब जमशेदपुर से गहरे जुड़ते जा रहे हैं।

हाल ही में गुरुग्राम के एक वरिष्ठ नागरिक को डिजिटल अरेस्ट कर करोड़ों की ठगी का प्रयास किया गया, जिसमें ठगी की गई रकम का एक बड़ा हिस्सा 20 लाख रुपये सीधे जमशेदपुर पहुंचा। गनीमत रही कि बैंक मैनेजर की तत्परता से पीड़ित के जीवन भर की कमाई (करीब 6 करोड़ रुपये) लुटने से बच गई। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

घटना 11 और 12 नवंबर की है। गुरुग्राम के गैलेरिया मार्केट स्थित एक्सिस बैंक के रिलेशनशिप मैनेजर मीत सबरवाल ने देखा कि उनके एक बुजुर्ग ग्राहक के खाते से अचानक बड़ी रकम ट्रांसफर हो रही है। ग्राहक ने 5.9 करोड़ रुपये के म्यूचुअल फंड तोड़े थे और खाते में पैसे आते ही 20 लाख रुपये जमशेदपुर के एक एसबीआई खाते में और 44 लाख रुपये मुंबई के बांद्रा स्थित खाते में ट्रांसफर कर दिए।

सबरवाल को शक हुआ क्योंकि इतने कम समय में यह लेनदेन असामान्य था। जब उन्होंने बुजुर्ग से संपर्क किया, तो वे डर के मारे फोन नहीं उठा रहे थे। बाद में पता चला कि खुद को मुंबई पुलिस और सीबीआई अधिकारी बताकर साइबर ठगों ने उन्हें डिजिटल अरेस्ट कर रखा था और जेल भेजने का डर दिखाकर पैसे ट्रांसफर करवा रहे थे।

बैंक मैनेजर ने तुरंत कार्रवाई करते हुए जमशेदपुर एसबीआई और मुंबई एक्सिस बैंक से संपर्क कर दोनों ट्रांजेक्शन होल्ड करवा दिए और खाते फ्रीज करा दिए। पुलिस जांच में यह स्पष्ट हुआ है कि जमशेदपुर में जिस खाते में 20 लाख रुपये आए थे, वह संभवतः एक म्यूल अकाउंट था।

हालिया पुलिसिया कार्रवाई से पता चलता है कि साइबर अपराधी अब जमशेदपुर के युवाओं को अपना मोहरा बना रहे हैं। कदमा और गोलमुरी जैसे इलाकों से हाल ही में कई ऐसे युवकों की गिरफ्तारी हुई है, जो कमीशन के लालच में अपने बैंक खाते साइबर ठगों को किराए पर दे देते हैं।

ठगी का पैसा इन्हीं खातों में आता है, जिसे तुरंत निकाल लिया जाता है। गुरुग्राम केस में भी यही पैटर्न देखने को मिला।
गुरुग्राम पुलिस ने पुष्टि की है कि जमशेदपुर और मुंबई के खातों में फ्रीज की गई 64 लाख रुपये की राशि अब पीड़ित को रिफंड की जा रही है।

पुलिस कमिश्नर ने बैंक मैनेजर मीत सबरवाल को उनकी सूझबूझ के लिए 20 हजार रुपये का इनाम और प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया है। पुलिस ने स्पष्ट किया है कि कोई भी जांच एजेंसी वीडियो कॉल पर डिजिटल अरेस्ट नहीं करती।
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