डॉ. नरेश त्रेहान से दैनिक जागरण की खास बातचीत। जागरण
डाॅ. नलिनी रंजन, पटना। Heart Health: देशभर में दिल का रोग तेजी से पांव पसार रहा है। लोग 30 वर्ष की उम्र से ही हृदय रोग का शिकार हो रहे है।
ऐसे में हमें सबसे पहले हृदय रोग के रिस्क को पहचानना होगा। हमारे परिवार में इसका क्या इतिहास रहा है। 25 वर्ष से ही अपने रिस्क फैक्टर के अनुसार उपचार कर दिल के रोग के बचाव के प्रति अपना कदम उठा सकते है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
यह बातें देश के प्रसिद्ध हृदय और कार्डियोथोरेसिक सर्जन एवं पद्मश्री व पद्मभूषण सम्मान से अलंकृत डा. नरेश त्रेहान (Dr. Naresh Trehan) ने कहीं।
वे रविवार को दैनिक जागरण से विशेष बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि दिल को बेहतर बनाने के लिए हमें तीन चीजों से पूरी तरह परहेज करनी चाहिए।
ये तीन चीजे हैं तनाव, तंबाकू और प्रदूषण है। इससे बचाव कर लिया तो आप कई बीमारियों पर विजय प्राप्त कर सकते है।
नए साल में मेदांता के दरभंगा सेंटर की होगी पहल
बिहार में दूसरा मेदांता के जवाब में कहा कि बिहार सरकार से हमारी बात हुई है। स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय से भी बात हुई है।
दरभंगा में मेदांता खोलने को लेकर जल्द ही विजिट करेंगे। वहां की संभावना को देंखेगे। इसके बाद कितने बेड का होगा, कैसी व्यवस्था होगी। पूरी योजना का प्रारूप इसके बाद तय होगा।
कहा कि पहले तो लोग यहां आने से डरते थे, लेकिन बदलाव हुआ है। यहां तेजी से विकास भी हुआ है। यहां कई सक्सेस माडल हुए है। पटना में तो 650 बेड का हमारा अस्पताल है, वहां की स्थिति वहां जगह देखने के बाद ही तय होगा।
हृदय रोग के साथ-साथ कैंसर भी है बड़ी चुनौती
बिहार में बीमारियों की चुनौती को लेकर उन्होंने कहा कि यूं तो काफी कुछ है, लेकिन राज्य का विकास तेजी से हुआ है। व्यापक सुविधाएं भी बढ़े है।
14 करोड़ की जनसंख्या है। ऐसे में सुविधा भी गुणात्मक रूप से बढ़ना है। ऐसे में लोकनीजी भागीदारी वाली माॅडल भी बढ़ंगे।
इसके लिए सरकार के स्तर भी साकारात्मक पहल हो रहे है। कहा कि हृदय रोग के साथ-साथ कैंसर राेगी की भी पहचान यहां काफी हो रहे है। यह चुनौती भी है।
कहा कि पटना में हमारे पास एडवांस जांच उपकरण भी है। लोगों में इसके बचाव को लेकर जागरूकता की जरूरत है। आयुष्मान भारत योजना, राज्य योजना आदि भी है जो यहां के लोगों के लिए काफी लाभकारी सिद्ध हो रही है। |