रात में लगी आग। (जागरण)
संवाद सूत्र, सरायगढ़ (सुपौल)। सरायगढ़ भपटियाही प्रखंड के चांद पीपर पंचायत अंतर्गत वार्ड संख्या 11 स्थित टेंगराहा टोला में शनिवार की रात भीषण अगलगी की घटना में सात परिवारों की पूरी जिंदगी पलभर में राख हो गई।
देर रात लगी इस आग ने देखते ही देखते पूरे टोले को अपनी चपेट में ले लिया और सुखराम मेहता, रविकांत मेहता, तेज नारायण मेहता, रामचंद्र मेहता, दयानंद मेहता, शंभू मेहता और श्याम कुमार के घरों में रखा कपड़ा, बर्तन, अनाज, फर्नीचर, कीमती जेवरात, करीब तीन लाख रुपये नगद, मोटरसाइकिल, साइकिल और घरेलू मोटर समेत लगभग सभी सामान जलकर खाक हो गए। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
परिवार रातों-रात बेघर होकर सड़क पर आ गए। रविवार की सुबह पीड़ित परिवारों ने बताया कि आग पहले चूल्हे से लगी और उसके बाद दो गैस सिलेंडर में आग पकड़ते ही लपटें विकराल होती चली गईं।
ग्रामीणों ने अपने स्तर से भरसक प्रयास कर आग बुझाने की कोशिश की, लेकिन तेज हवा और सिलेंडर विस्फोट के कारण आग पर नियंत्रण संभव नहीं हो पाया।
ग्रामीणों के अनुसार घटना के बाद कई बार अग्निशामक विभाग को फोन किया गया, लेकिन संपर्क नहीं हो सका। डायल 112 पर भी कॉल नहीं लगा।
बाद में स्थानीय विधायक अनिरुद्ध प्रसाद यादव को जानकारी देने के बाद अग्निशमन वाहन मौके पर पहुंचा, लेकिन तब तक आग सब कुछ जलाकर खत्म कर चुकी थी। करीब डेढ़ घंटे बाद पहुंची टीम के सामने बचाने को कुछ भी शेष नहीं था।
स्थल पर मौजूद लोगों ने कहा कि पिछले दो दिनों में मझौआ गांव में भी पांच परिवार आग से बेघर हो चुके हैं, फिर भी प्रखंड मुख्यालय में अग्निशमन केंद्र नहीं होने से लगातार घटनाएं बड़ी तबाही में बदल रही हैं। लोगों का कहना है कि यदि भपटियाही प्रखंड में फायर स्टेशन की सुविधा होती, तो क्षति को काफी हद तक रोका जा सकता था।
स्थानीय लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि बार-बार होती आगजनी की घटनाओं को देखते हुए प्रखंड में स्थायी अग्निशमन केंद्र की तत्काल स्थापना की जाए, ताकि भविष्य में आम लोगों को इस तरह की विशाल क्षति नहीं झेलनी पड़े। |