हाई कोर्ट ने पुलिस को शिअद नेता को तुरंत रिहा करने के दिए आदेश। फोटो जागरण
जागरण संवाददाता, तरनतारन। विधानसभा हलका तरनतारन के उपचुनाव के दौरान शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के आइटी विंग के प्रदेश अध्यक्ष नछत्तर सिंह गिल निवासी गांव फेलोके को तरनतारन पुलिस द्वारा 15 नवंबर को गिरफ्तार किया गया था।
मामले में शिअद द्वारा पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया गया। शुक्रवार को अदालत ने तरनतारन पुलिस की कार्रवाई को गैर-कानूनी करार देते हुए पुलिस प्रशासन को फटकार लगाई।
साथ ही गिल को फौरी रिहा करने के आदेश जारी किए। उधर, इस मामले में फिरोजपुर रेंज के डीआइजी, एसएसपी तरनातरन के अलावा सब डिवीजन गोइंदवाल साहिब के डीएसपी अतुल सोनी व सीआइए स्टाफ के प्रभारी इंस्पेक्टर प्रभजीत सिंह गिल को हाई कोर्ट ने तलब किया है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
पांच नवंबर को शिअद प्रत्याशी सुखविंदर कौर रंधावा की बेटी कंचनप्रीत कौर की गाड़ी का स्थानीय पुलिस द्वारा पीछा किया जा रहा था। सीआइए स्टाफ की पुलिस से संबंधित पुलिस कर्मियों द्वारा प्रयोग की जा रही कार पर फर्जी नंबर प्लेट लगी थी।
कंचनप्रीत ने मौके पर पुलिस को जवाबदेही बनाते हुए वीडियो वायरल कर दिया। इसमें शिअद आइटी विंग के प्रदेश अध्यक्ष नछत्तर सिंह गिल ने पुलिस की उक्त कार्रवाई का विरोध करते हुए आरोप लगाया था कि बेवजह रेकी की जा रही है।
इस बाबत पुलिस ने एक एफआइआर दर्ज करके शिअद से संबंधित 14 नेताओं को नामजद कर लिया था। एफआइआर में आरोप लगाया था कि पुलिस की ड्यूटी में रुकावट डाली गई है। मामले में 15 नवंबर को नछत्तर सिंह गिल को अमृतसर के रंजीत एविन्यू क्षेत्र से उठा लिया था।
दो दिन बाद 17 नवंबर को शिअद के राष्ट्रीय सचिव गुरसेवक सिंह शेख को भी गिरफ्तार करके जेल भेज दिया था। हालांकि कंचनप्रीत कौर की गिरफ्तारी अभी बाकी है।
शिअद के प्रवक्ता एडवोकेट अर्शदीप सिंह कलेर ने बताया कि तरनतारन पुलिस की धक्केशाही के खिलाफ पार्टी द्वारा पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई।
शुक्रवार को सुनवाई के दौरान माननीय अदालत ने नछत्तर सिंह गिल की गिरफ्तारी को गैर-कानूनी करार देते पुलिस को फटकार लगाई। साथ ही गिल को फौरी रिहा करने के आदेश दिए। |