BCCL के IPO से पहले ईडी ने बड़ी कार्रवाई, झारखंड और बंगाल में 40 ठिकानों पर छापेमारी।
Coal smuggling case: जहां कोल इंडिया की सब्सिडियरी कंपनी बीसीसीएल आईपीओ (BCCL IPO) की तैयारी कर रही है, तो वहीं कंपनी से जुड़े ठेकेदारों पर ईडी की कार्रवाई ने नई मुश्किलें खड़ी कर दी हैं। कोयला तस्करी और मनी लॉन्ड्रिंग की जांच के तहत शुक्रवार को झारखंड और पश्चिम बंगाल के 40 ठिकानों पर छापेमारी हुई। यह कार्रवाई BCCL (Bharat Coking Coal Limited) से जुड़े चर्चित कॉन्ट्रैक्टर एलबी सिंह पर केंद्रित थी, जिनके आवास देव विला और उनकी कंपनी देव प्रभा कंपनी के दफ्तर पर एक साथ रेड हुई। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
ईडी को शक है कि BCCL के आउटसोर्सिंग कॉन्ट्रैक्ट में गड़बड़ियों, अनअकाउंटेड ट्रांजैक्शन और कोयले की अवैध बिक्री के पीछे एक बड़ा नेटवर्क काम कर रहा है। इसी सिलसिले में ईडी ने दो अन्य कोल ट्रेडर्स के ठिकानों पर भी रेड की। सूत्रों के मुताबिक, ईडी टीमों ने यहां से महत्वपूर्ण दस्तावेज, डिजिटल रिकॉर्ड और वित्तीय लेनदेन से जुड़े कई फाइलें जब्त की हैं, जिन्हें जांच के लिए अहम माना जा रहा है।
सुबह-सुबह शुरू हुई इस कार्रवाई से पूरे इलाके में हलचल फैल गई। स्थानीय लोगों ने ईडी अधिकारियों और सुरक्षाकर्मियों की भारी तैनाती देखी। बताया जा रहा है कि ईडी पिछले कई महीनों से एलबी सिंह और उनकी कंपनी की गतिविधियों पर नजर रखे हुए थी। शुरुआती जांच में संदिग्ध कॉन्ट्रैक्ट अलॉटमेंट और मनी ट्रेल सामने आने का शक है। फिलहाल ईडी ने किसी गिरफ्तारी की पुष्टि नहीं की, लेकिन सबूतों के आधार पर आगे की कार्रवाई की संभावना जताई है।
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पहले भी विवादों में रह चुकी है BCCL
बीसीसीएल का विवादों से पुराना नाता रहा है। 2018 में केंद्र सरकार ने तत्काल प्रभाव से BCCL के CMD अजय कुमार सिंह को हटा दिया था। कोयला मंत्रालय के आदेश पर उन्हें वापस ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड में भेज दिया गया था। यह फैसला कंपिटेंट अथॉरिटी की मंजूरी के बाद लिया गया था, जो उस समय काफी चर्चा में रहा।
सुप्रीम कोर्ट ने भी लगाई थी फटकार
जुलाई 2024 में सुप्रीम कोर्ट ने BCCL के एक टेंडर फैसले की तीखी आलोचना की थी। कोर्ट ने कहा था कि कंपनी का फैसला \“गंभीर रूप से मनमाना, अवैध, भेदभावपूर्ण और अनुच्छेद 14 का उल्लंघन\“ था। जस्टिस बेला एम त्रिवेदी और जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा की बेंच ने कहा था, “मेगा प्रोजेक्ट होने के बावजूद यदि फैसला मनमाना या भेदभावपूर्ण है, तो कोर्ट हस्तक्षेप करेगा। सरकारी निकायों को बोली प्रक्रिया में पारदर्शी और निष्पक्ष होना चाहिए।“ यह टिप्पणी बंसीधर कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड बनाम BCCL केस में आई थी, जिसने कंपनी की प्रक्रियाओं पर सवाल खड़े कर दिए थे।
आईपीओ पर पड़ सकता है असर?
अब जबकि BCCL IPO की दिशा में बढ़ रही है, ईडी की यह बड़ी कार्रवाई और पुराने विवाद कंपनी की साख पर सवाल उठाते हैं। उद्योग विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसी जांचें कंपनी के वैल्यूएशन और निवेशकों के भरोसे को प्रभावित कर सकती हैं। एक्सपर्ट्स का मानना है कि ईडी की यह कार्रवाई कंपनी के आईपीओ पर असर डाल सकती है। |