पहाड़ से आने वाली सब्जियां हुईं कम। आर्काइव
जागरण संवाददाता, हल्द्वानी। इन दिनों मटर के दाम मुंहचिढ़ा रहे हैं तो टमाटर भी महंगाई से लाल हुए जा रहा है। और मटर-टमाटर की इस जुगलबंदी ने जेब का जायका का बिगाड़ दिया है। फुटकर बाजार में टमाटर 60 रुपये किलो बिक रहा है, जबकि मटर की कीमत 120 रुपये किलो है। व्यापारियों की मानें तो टमाटर की कीमतें काबू में आने में दो सप्ताह लग सकते हैं, जबकि मटर के दाम कम होने लगे हैं। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
हल्द्वानी मंडी में सब्जी के व्यापारी और मंडी समिति के सदस्य नंदाबल्लभ बृजवासी ने बताया कि अभी पहाड़, दिल्ली, बेंगलुुरु और नासिक से टमाटर की आवक हो रही है। पहाड़ से टमाटर आना काफी कम हो गया है, जबकि गौलापार, कोटाबाग समेत स्थानीय क्षेत्रों से मंडी में काफी कम आपूर्ति हो रही है। इस पर शादियों का सीजन चल रहा है, जिसके चलते सब्जियों की मांग अधिक है। ऐसे में टमाटर महंगा हो रहा है। कुछ दिनों में स्थानीय आपूर्ति बढ़ जाएगी, तब कीमतें कम हो जाएंगी।
सब्जी कारोबारी विनोद बेलवाल ने बताया कि महीना भर पहले थोक में 22-25 रुपये किलो टमाटर मिल रहा था, जो अब 42-45 रुपये किलो बिक रहा है। इस वजह से फुटकर में टमाटर के दाम करीब दोगुने तक बढ़ गए हैं। हालांकि मटर की कीमतें पहले से कुछ कम हुई हैं। पहाड़ से मटर आना कम हुई तो स्थानीय मटर धीरे-धीरे मंडी पहुंचने लगी है, लेकिन कीमतें अभी भी आम आदमी के लिए काफी अधिक हैं। |