नगर निगम के नागरिक सुविधा केंद्र में प्रॉपर्टी आईडी के बारे में जानकारी लेते लोग। जागरण अर्काइव
दीपक गिजवाल, सोनीपत। शहरी स्थानीय निकाय विभाग में प्रॉपर्टी आईडी बनाने के नाम पर चल रहे खेल में संलिप्तता मिलने पर कर्मचारियों पर अब शिकंजा कसना शुरू हो गया है। प्रॉपर्टी आईडी में गड़बड़ियों के चलते नगर निगम ने एक क्लर्क को चार्जशीट किया है, जबकि दो अन्य कर्मचारियों को कारण बताओ नोटिस दिया गया है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
क्लर्क सुनील हुड्डा पर चार महीने में दूसरी बार चार्जशीट की कार्रवाई की गई है। वहीं, कर्मचारी सोनू पर भी कार्रवाई हुई थी। इस बार भी सोनू और एक अन्य कर्मचारी को शोकाज नोटिस दिया गया है। वहीं, नगर निगम ने 60 क्लर्कों की सीट भी बदली है। यह भी चार महीने में दूसरी बार हुआ है जो बड़े स्तर पर क्लर्कों की सीट बदली गई है। यह कदम भी गड़बड़ियों के चलते ही उठाया गया है।
मुख्यालय ने वर्ष 2020 से लेकर अब तक बनी प्रॉपर्टी आईडी की जांच के लिए कमेटी गठित की थी। कमेटी में पानीपत, सोनीपत और फरीदाबाद के अधिकारियों को शामिल किया गया है। जांच अधिकारियों ने निगम अधिकारियों को रिकॉर्ड के साथ बुलाया गया था, जहां पर उनसे प्रॉपर्टी आईडी से संबंधित जानकारी जुटाई गई।
उनसे पांच वर्षों के दौरान बनाई गई प्रॉपर्टी आईडी का डाटा जुटाने के साथ-साथ उनकी आईडी भी ली गई। प्रॉपर्टी आईडी की जांच करने के लिए एक विशेषज्ञ कमेटी को लगाया गया है, जो सामान्यत पांच वर्षों के दौरान बनी प्रॉपर्टी आईडी का डाटा उठाकर जांच कर रही है। इसमें भारी अनियमितताएं मिल रही है।
ऐसे में अब उन आईडी को बनाने वाले जिम्मेदारों पर भी कार्रवाई शुरू हुई है। प्रॉपर्टी आईडी में गड़बड़ी के चलते नगर निगम आयुक्त हर्षित कुमार ने क्लर्क सुनील हुड्डा को चार्जशीट किया है, जबकि सोनू और एक अन्य को शोकाज नोटिस भेजा है।
नंबर गेम
- 05 साल में बनी आईडी की जांच करवा रहा है मुख्यालय
- 2020 से लेकर अब तक बनी आईडी की चल रही है जांच
- 58 हजार नई आईडी बनी हैं पिछले पांच साल में
- 05 सालों में सीट पर कौन-कौन रहे, तैयार हो रही सूची
- 1.98 लाख प्रॉपर्टी आईडी हैं नगर निगम क्षेत्र में
पहले भी क्लर्क सुनील हुड्डा का आया था नाम
चार महीने के अंदर ये दूसरा मौका है जब क्लर्क सुनील हुड्डा को चार्जशीट किया है। करीब चार महीने पहले भी सुनील हुड्डा को चार्जशीट किया गया था। उन पर आरोप था कि इन्होंने किसी व्यक्ति की प्रॉपर्टी आईडी को किसी अन्य के नाम पर दर्ज कर दिया। यह मामला जांच के दौरान सामने आया, जिसके बाद कार्रवाई की गई थी।
पहले एक अन्य क्लर्क सस्पेंड भी हो चुका
यह पहला मामला नहीं है। करीब पांच महीने पहले क्लर्क हरिओम के रिश्वत लेने का वीडियो सामने आया था। वह एक पीड़ित से 15 हजार रुपए की रिश्वत मांग रहा था। पीड़ित ने हिडन कैमरे से उसका वीडियो बनाकर इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित कर दिया था, जिसके बाद मामले की जांच संयुक्त निगम आयुक्त को सौंपी गई थी और दोषी पाए जाने पर क्लर्क को सस्पेंड कर दिया गया था।
अनअप्रूव्ड एरिया में भी बना दी प्रॉपर्टी आईडी
वर्ष 2020 में 1.40 लाख प्रॉपर्टी आईडी थी, जो अब बढ़कर 1.98 लाख हो गई हैं। ऐसे में बीते पांच साल में 58 हजार नई आईडी बनी है। अनअप्रूव्ड एरिया में भी निगम की तरफ से प्रॉपर्टी आईडी बना दी गई, जिसका फायदा उठाकर लोगों द्वारा रजिस्ट्री तक करा ली गई। इस तरह से एक नहीं कई मामले निगम अधिकारियों के सामने आ चुके हैं। कार्रवाई नहीं होने पर लोगों ने इसकी शिकायत मुख्यालय में की थी, जिसके बाद जांच शुरू हुई है।
पांच साल का रिकॉर्ड खंगाल रही कमेटी
पांच सालों में प्रॉपर्टी आईडी बनाने की प्रक्रिया पूरी करने की सीट पर कौन-कौन कर्मचारी और अधिकारी सीट पर रहे। जांच कमेटी द्वारा इसकी सूची भी तैयारी कराई जा रही है, क्योंकि नई प्रॉपर्टी आईडी बनाने के लिए फाइल कई स्तर पर गुजरती है। गलत आईडी बनाने में किस स्तर पर गलती हुई और गलती को क्यों नहीं पकड़ा गया, इस पर भी कमेटी जांच करेगी।
प्रॉपर्टी आईडी में गड़बड़ियों के चलते क्लर्क सुनील हुड्डा और दो अन्य पर कार्रवाई हुई है। प्रॉपर्टी आईडी में मिल रही शिकायतों को लेकर नगर निगम गंभीर है। इनकी जांच भी की जा रही है। गड़बड़ी करने वालों पर आगे भी कार्रवाई होगी।
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हर्षित कुमार, आयुक्त, नगर निगम |