बुधवार को चक्रधरपुर में हाथियों की सुरक्षा पर मंत्रणा करते जिला प्रशासन और वन विभाग के अधिकारी।
जागरण संवाददाता, चक्रधरपुर। झारखंड के बंडामुंडा रेलखंड सहित चक्रधरपुर रेल मंडल के कई हिस्सों में जंगली हाथियों के बार-बार ट्रैक पार करने से हो रही दुर्घटनाओं और ट्रेन संचालन में आने वाली बाधाओं को देखते हुए बुधवार को राउरकेला डीएफओ कार्यालय में रेलवे और वन विभाग की संयुक्त उच्चस्तरीय बैठक आयोजित की गई। बैठक में चक्रधरपुर रेल मंडल के डीआरएम तरुण हुरिया, राउरकेला डीएफओ और दोनों विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।
बैठक का प्रमुख उद्देश्य हाथियों की सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए ट्रेन परिचालन को सुचारू बनाना था। इस दौरान डीआरएम ने जंगल क्षेत्रों में लगाए गए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) टावरों का निरीक्षण किया। हाथियों की गतिविधियों को सीधे बंडामुंडा कंट्रोल रूम से जोड़े जाने पर विस्तृत चर्चा की गई। AI आधारित अलर्ट प्रणाली से हाथियों की मूवमेंट का वास्तविक समय में पता चल सकेगा, जिससे दुर्घटनाओं की आशंका कम होगी।
रेलवे ने बैठक में हाथियों के नियमित आवाजाही वाले संवेदनशील इलाकों में बैरिकेडिंग प्लान लागू करने और बंडामुंडा सहित कई स्थानों पर एलीफेंट कॉरिडोर विकसित करने का निर्णय लिया। इससे हाथियों को सुरक्षित मार्ग मिलेगा और वे बिना जोखिम के रेल लाइन पार कर सकेंगे।
हाल ही में चक्रधरपुर मुख्यालय में ‘वनतारा’ अभ्यारण्य से आए प्रशिक्षित हाथियों के परीक्षण अनुभव पर भी चर्चा हुई। अधिकारियों का मानना है कि संयुक्त सहयोग और आधुनिक तकनीक के इस्तेमाल से भविष्य में हाथी–ट्रेन दुर्घटनाओं को काफी हद तक रोका जा सकता है।
बैठक में यह स्पष्ट संदेश दिया गया कि हाथियों की जान और ट्रेनों की सुरक्षा दोनों को समान प्राथमिकता दी जाएगी। यह पहल आने वाले दिनों में इस क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण बदलाव की शुरुआत साबित हो सकती है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें |