संवाद सहयोगी, ब्रह्मपुर (बक्सर)। ब्रह्मपुर विधानसभा क्षेत्र का चक्की पंचायत राजद के वोट बैंक का बड़ा गढ़ माना जाता है। उसी गांव के निवासी राजद प्रत्याशी शंभू नाथ यादव को चुनौती देने के लिए चुनावी मैदान में ताल ठोकने वाले निर्दलीय प्रत्याशी खुद बुरी तरह से चूक गए और उनकी जमानत भी जब्त हो गई। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
इस बार के विधानसभा चुनाव में उनके दो स्वजातीय प्रत्याशी राजद को घेरने और गढ़ में सेंधमारी करने में बुरी तरह से असफल साबित हुए। इसका नतीजा हुआ कि पिछले साल लगभग 51 हजार से जीत दर्ज करने वाले राजद प्रत्याशी इस बार कड़े मुकाबले में ही सही, एनडीए को हराकर हैट ट्रिक लगाने में सफल हुए।
यादव मतदाता की सबसे बड़ी संख्या वाला गांव
चक्की प्रखंड का चक्की गांव जिले में यादव मतदाता की संख्या वाला सबसे बड़ा गांव है। राजद प्रत्याशी शंभू नाथ यादव इसी गांव के निवासी हैं और वही के नीतीश कुमार पहले तो राजद के टिकट पाने का दावा करते रहे और उनके विरोधियों की पीठ भी थपथपाते रहे, लेकिन कहीं से टिकट नहीं मिलने के बाद राजद प्रत्याशी को चुनौती देने के लिए उनके स्वजातीय नीतीश कुमार निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में ताल ठोक दिए।
उन्हें राजद के वोट बैंक पर ज्यादा भरोसा था। बसपा प्रत्याशी महावीर यादव भी काफी लंबे समय से मतदाताओं को गोल बंद करते रहे। लेकिन चक्की पंचायत में राजद प्रत्याशी का दबदबा कायम रहा और दोनों हाशिए पर चले गए।
चक्की पंचायत में कायम रहा राजद का दबदबा
16 बूथों वाली चक्की पंचायत में 9213 वोट डाले गए। इसमें से शंभू यादव को अकेले 7068 वोट मिला और 2145 वोट में एनडीए के अलावा अन्य प्रत्याशियों की खाते में चला गया। एक ही गांव के दो प्रत्याशियों के मुकाबले में राजद के वोट बैंक को हथियाने के प्रयास में निर्दलीय की शर्मनाक स्थिति हो गई और उन्हें मात्र 418 वोट पर ही संतोष करना पड़ा।
पूरे विधानसभा क्षेत्र में उन्हें 1932 वोट ही मिला है। बसपा प्रत्याशी महावीर यादव भी चक्की में स्वजातीय और आधार वोट को पाने में पूरी तरह से असफल रहे और वह मात्र 181 वोट लेकर निर्दलीय से भी पिछड़ गए। चक्की में विकास के बदले पुराने समीकरण प्रभावी होने के कारण एनडीए प्रत्याशी हुलास पांडे 1183 वोट पाकर यहां काफी मतों के अंतर से पिछड़ गए थे।
पिछले लोकसभा चुनाव में बसपा को मिले 7850 वोट विधानसभा चुनाव में मिल जाता,तो राजद की लालटेन बुझ जाती। बसपा को विधानसभा क्षेत्र में मात्र 4599 वोट ही मिला। इस पंचायत में अन्य प्रत्याशियों को भी दो-चार वोट सभी बूथों पर मिला। लेकिन अपने ही गांव में निर्दलीय प्रत्याशी हवा हो गए और राजद प्रत्याशी की पकड़ कायम रही।
प्रखंड की तीन अन्य पंचायतों में भी महागठबंधन और एनडीए के बीच काफी दिलचस्प मुकाबला रहा। फिर भी गांव की गड्ढे में तब्दील हो गई सड़कें और ध्वस्त हुई शिक्षा व्यवस्था से परेशान मतदाताओं ने अपनी नाराजगी भी दिखाई। चुनाव में अपने ही गांव के किसी भी प्रत्याशी को पसंद नहीं कर 73 मतदाताओं ने नोटा का बटन दबाया। |