हाकफोर्स निरीक्षक आशीष शर्मा
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। मध्य प्रदेश की सीमा पर छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव के बोरतालाब से लगे कनघुर्रा जंगल में मंगलवार-बुधवार की दरमियानी रात को हुई मुठभेड़ में बालाघाट में पदस्थ हाकफोर्स निरीक्षक आशीष शर्मा बलिदान हो गए।
बीती रात मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र के सुरक्षाबलों की ओर से संयुक्त सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा था। तभी माओवादियों की तरफ से हुई फायरिंग में हाकफोर्स निरीक्षक आशीष शर्मा को गोली लग गई। उनके शरीर में चार गोली लगी थी। गंभीर रूप से घायल जवान को डोंगरगढ़ के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लाया गया, जहां उपचार के दौरान उनकी मौत हो गई। आईजी अभिषेक शांडिल्य ने इसकी पुष्टि की है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
मुठभेड़ बीती रात दो से चार बजे के बीच बताई जा रही है। बलिदानी आशीष को सुबह सात-आठ बजे डोंगरगढ़ के अस्पताल लाया गया। बता दें कि 14 जून 2025 को बालाघाट के कटेझिरिया के जंगल में तीन महिला समेत चार माओवादियों को ढेर करने वाले ऑपरेशन में बलिदानी आशीष शर्मा ने अहम भूमिका निभाई थी। उनकी वीरता और साहस के लिए उन्हें हाल ही में क्रम से पूर्व पदोन्नित मुहैया की गई थी। वह बालाघाट के किरनापुर के किसी चौकी के प्रभारी थे।
मुंहतोड़ जवाब देने की तैयारी
मुठभेड़ में हाकफोर्स के जवान के बलिदान होने की खबर के बाद इलाके में सर्चिंग और तेज कर दी गई है। सुरक्षाबलों ने माओवादियों की तलाश में जंगल को चारों तरफ से घेर लिया है। इलाके में सर्च ऑपरेशन जारी है।
मौके पर तीनों राज्यों के आइजी, एसपी भी मौजूद हैं। बताया गया कि एमएमसी (महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़) जोन के माओवादियों की मौजूदगी के इनपुट पर सीमा में ज्वाइंट ऑपरेशन शुरू किया गया था। तीनों जिले की फोर्सस इसमें शामिल है। कनघुर्रा के घने जंगल में चारों ओर से घिरे माओवादियों ने सुरक्षा बालों पर फायरिंग कर दी।
नरसिंहपुर के बोहानी गांव के मूलनिवासी थे बलिदानी आशीष
जानकारी के अनुसार, बलिदानी आशीष शर्मा मूल रूप से नरसिंहपुर जिले के गाडरवाड़ा अंतर्गत बोहानी गांव के निवासी थे। प्रारंभिक शिक्षा उन्होंने अपने गांव से ही ली थी। बलिदानी आशीष की पार्थिव देह डोंगरगढ़ के अस्पताल में सुरक्षित रखी गई है। उनका राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार पैतृक गांव में होगा या नहीं, यह फिलहाल स्पष्ट नहीं है।
इस पूरे मामले में बालाघाट के पुलिस अधिकारियों की तरफ से अभी तक किसी तरह की कोई आधिकारिक पुष्टि या बयान सामने नहीं आया है।
एक साल में दूसरी बार माओवादियों ने जवान पर किया हमला
बता दें कि पिछले वर्ष 17 नवंबर को बालाघाट के कुंदुल के जंगल में सुरक्षबलों और माओवादियों के बीच मुठभेड़ में मुरैना के रहने वाले हाकफोर्स में आरक्षक शिवम कुमार शर्मा माओवादियों की गोली का शिकार हुए थे। उनके सिर में गोली लगी थी। घायल अवस्था में शिवम को गोंदिया से एयरलिफ्ट कर एयर एम्बुलेंस से दिल्ली के मेदांता अस्पताल शिफ्ट किया गया था। एक साल के भीतर अब माओवादियों की गोली ने सुरक्षाबल के जवान की जान ली है।
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