deltin51
Start Free Roulette 200Rs पहली जमा राशि आपको 477 रुपये देगी मुफ़्त बोनस प्राप्त करें,क्लिकtelegram:@deltin55com

म्यूचुअल फंड फैक्ट शीट क्या है, आर्थिक लक्ष्यों को हासिल करने में यह कैसे करती है मदद

cy520520 2025-11-18 18:07:12 views 700

  



नई दिल्ली। अपनी पूंजी को हर कोई बढ़ाना चाहता है, इसलिए रिस्क एपेटाइट (जोखिम लेने की क्षमता) के हिसाब से निवेश के अलग-अलग ऑप्शन अपनाए जाते हैं। पिछले 10 सालों में लोग पारंपरिक निवेश के तरीकों से हटकर स्टॉक और म्यूचुअल फंड की ओर ज्यादा आकर्षित हो रहे हैं। हालांकि, स्टॉक मार्केट में अनुभव की कमी और जानकारी के अभाव की वजह से लोग म्यूचुअल फंड में निवेश करना ज्यादा सही मानते हैं, क्योंकि इसमें हर एक स्टॉक को देखने या मैनेज करने की जरूरत नहीं है। आपका यह काम फंड मैनेजर कर देता है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
क्या है म्यूचुअल फंड फैक्ट शीट

हालांकि, ऐसा नहीं है कि आप म्यूचुअल फंड के किसी भी फंड में निवेश करेंगे तो आपको फायदा होगा। ऐसे में, कोई भी फंड खरीदने से पहले आप उस फंड की फैक्ट शीट को जरूर पढ़ें। यह एक डॉक्यूमेंट है जो हर महीने फंड हाउस जारी करता है। इसमें फंड का इन्वेस्टमेंट ऑब्जेक्टिव, परफॉर्मेंस, रिस्क, पोर्टफोलियो और फीस के बारे में जानकारी होती है। यह म्यूचुअल फंड के निवेशकों के लिए वैल्यूएबल टूल की तरह काम करता है। इससे निवेशक फंड की तुलना बेहतर तरीके से कर पाएंगे और उसकी परफॉर्मेंस को ट्रैक कर पाएगा।

म्यूचुअल फंड फैक्ट शीट के बारे में Happy Niveshak के फांउडर हेमंत गुप्ता कहते हैं, “फैक्ट शीट में फंड के बारे में हर जानकारी होती है। जैसे हम फूड आइटम खरीदने से पहले लेबल को अच्छी तरह से पढ़ते हैं, उसके पोषक तत्वों और एक्सपायरी डेट के बारे में जानकारी लेते हैं, ठीक उसी तरह म्यूचुअल फंड में निवेश करने से पहले आपको फैक्ट शीट पढ़ना जरूर आना चाहिए। इससे फंड के बारे में विस्तार से जानकारी मिलती है।“

इस विषय पर जागरण बिजनेस की कंसल्टिंग एडिटर Geetu Moza ने Happy Niveshak के फाउंडर Hemant Gupta के साथ विस्तार से चर्चा की। आप भी देखिए यह वीडियो -

  



म्यूचुअल फंड फैक्ट शीट कैसे पढ़ें


अगर आप निवेशक हैं तो आपके लिए Fact Sheet पढ़ना बहुत जरूरी हो जाता है। क्योंकि इससे आप गलत खरीदारी या धोखाधड़ी से बच सकते हैं। यह एक या दो पन्ने का डॉक्यूमेंट होता है, जिसे आसानी से पढ़ा जा सकता है। इससे हम फंड के उद्देश्य और रिस्क के बारे में समझ सकते हैं। इसमें हम समझ सकते हैं कि फंड ने कौन-कौन से सेक्टर में पैसा लगाया हुआ है। इसके अलावा आप फंड की परफॉर्मेंस, फंड मैनेजर और Assets Under Management (AUM) यानी कुल मार्केट वैल्यू के बारे में जानकारी ले सकते हैं। फैक्ट शीट पढ़ने पर आपको पता चलेगा कि अलग-अलग फीस के रूप में कितना खर्च आएगा।

म्यूचुअल फंड फैक्ट शीट में सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण इसका इनवेसमेंट ऑब्जेक्टिव है, जो यह बताता है कि आपको कितने सालों के लिए निवेश करना चाहिए। निवेशकों को स्टैंडर्ड डेविएशन पर भी ध्यान देना चाहिए, जो उनके रिस्क एपेटाइट के हिसाब से निवेश में मदद करेगा।

“फैक्ट शीट में फंड के उद्देश्य के बारे में लिखा होता है। उसमें यह भी लिखा होता है कि अगर आप कम समय के लिए निवेश कर रहे हैं तो आप अपने लक्ष्यों को पूरा करने में असमर्थ रहेंगे।“ - हेमंत गुप्ता
वित्तीय लक्ष्यों को प्राप्त करने में फैक्ट शीट कैसे करती है मदद

एक फैक्ट शीट महत्वपूर्ण जानकारी का सारांश होता है, जिससे वित्तीय लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद मिलती है। इसके जरिए आप इन्फॉर्म डिसीजन ले सकते हैं, इनवेस्टमेंट्स की तुलना कर सकते हैं, परफॉर्मेंस को ट्रैक कर सकते हैं। यह रिस्क लेवल, पास्ट के रिटर्न और पोर्टफोलियो होल्डिंग के बारे में बताता है। इन डेटा से आप निर्धारित कर सकते हैं कि कोई फंड आपके वित्तीय लक्ष्यों को पूरा कर सकता है या नहीं।

“किसी भी फंड में निवेश करते समय यह ध्यान देना अति आवश्यक है कि आपका वित्तीय लक्ष्य और आपका निवेश दोनों अलाइन हो, और इसमें फंड का फैक्ट शीट बहुत सपोर्ट करती है“ - हेमंत गुप्ता
फैक्ट शीट को रिव्यू करने का क्या है क्राइटेरिया

फैक्ट शीट एक डायनैमिक डॉक्यूमेंट होता है, जिसे एसेट मैनेजमेंट कंपनी हर महीने रिलीज करती है। वैसे एक निवेशक को लॉन्ग टर्म निवेश के लिए साल में कम से कम एक बार फंड फैक्ट शीट की समीक्षा करनी चाहिए। जबकि शॉर्ट टर्म निवेश या अत्यधिक वोलेटाइल फंडों के लिए तिमाही समीक्षा की सिफारिश की जाती है।
फैक्ट शीट के जरिए रिस्क एसेसमेंट कैसे करें

फैक्ट शीट का उपयोग करके रिस्क एसेसमेंट करने के लिए आपको उन प्रमुख मैट्रिक्स और जानकारी का विश्लेषण करना होगा जो फंड की वोलैटिलिटी, परफॉर्मेंस और पूरे स्ट्रेटेजी को दर्शाते हैं। फैक्ट शीट फंड की स्थिति और क्षमता के बारे में बताती है, जिससे आपको यह निर्धारित करने में मदद मिलती है कि क्या यह आपकी व्यक्तिगत जोखिम सहनशीलता और वित्तीय लक्ष्यों के अनुरूप है।

इस पर हेमंत गुप्ता कहते हैं - “निवेश के दौरान रिस्क मैनेजमेंट के लिए निवेशकों को कुछ पैरामीटर्स को ध्यान में रखना चाहिए। जैसे शार्प रेश्यो, फंड की वोलैटिलिटी को मापने के लिए बीटा, फंड की रिस्क-एडजस्ट परफॉर्मेंस के लिए अल्फा और स्टैंडर्ड डेविएशन।“
like (0)
cy520520Forum Veteran

Post a reply

loginto write comments

Explore interesting content

cy520520

He hasn't introduced himself yet.

310K

Threads

0

Posts

1110K

Credits

Forum Veteran

Credits
115831