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UP Panchayat Election: किसी के घर पूरे फॉर्म नहीं पहुंचे, कोई 2003 की मतदाता सूची में उलझा

LHC0088 2025-11-18 18:07:14 views 616

  

अपने कैंप कार्यालय पर गणना प्रपत्र भरवाने में मतदाताओं की सहायता करते चंद्रशेखर आजाद चौक के पार्षद धर्मेंद्र सिंह।



जागरण संवाददाता, गोरखपुर। मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान (एसआइआर) को लेकर लोगों में कई तरह के भ्रम हैं, जिनका किसी तय फोरम पर उन्हें जवाब नहीं मिल पा रहा है। कहीं एक ही परिवार में चार सदस्य हैं तो वहां बीएलओ दो ही सदस्य का गणना प्रपत्र देकर लौट जा रहे हैं। कई घरों में बीएलओ गणना प्रपत्र तो पहुंचा दे रहे लेकिन, निर्वाचन आयोग की ओर से तय आधार वर्ष 2003 की मतदाता सूची में मतदाता या उनके संबंधी किस विधानसभा के कौन सी भाग संख्या और क्रम संख्या पर वोटर थे, इसकी जानकारी नहीं दे रहे। इसे तलाशने में सबसे अधिक परेशानी अशिक्षित लोगों को हो रही है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

लोग, बीएलओ, प्रधान और पार्षदों के पीछे चक्कर लगा रहे हैं। कुछ वार्डों के जागरूक पार्षद कैंप लगाकर गणना प्रपत्र भरवाने में मदद कर रहे हैं, लेकिन ज्यादातर वार्ड या पंचायतों के जनप्रतिनिधि अभी भी इस अभियान को लेकर संवेदनशील नहीं दिख रहे। हालांकि भाजपा, कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और बहुजन समाजवादी पार्टी सहित सभी दल दावा कर रहीं कि उनके पदाधिकारी नियमित एसआइआर अभियान की निगरानी कर रहे और बीएलओ व मतदाताओं की मदद कर रहे।

महानगर के शक्ति नगर कालोनी के विंध्यवासिनी राय के घर में पांच मतदाता है। उनके घर पर सिर्फ एक गणना प्रपत्र उनके बेेटे का ही पहुंचा। बीएलओ नहीं तलाश सके तो परेशान हो सोमवार को अपने वार्ड शिवाजी नगर की पार्षद संगीता सिंह से संपर्क कर अपनी समस्या बताई। बेतियाहाता के राजेश सिंह को इस सवाल का जवाब नहीं मिल रहा है कि यदि किसी मतदाता का नाम 2003 की मतदाता सूची में नहीं है और उसके संबंधी जैसे माता-पिता, दादा, दादी भी मर चुके हैं तो वह आवेदन पत्र में संबंधी वाले कालम में क्या भरेंगे।

जांच के दौरान उनका नाम वर्तमान मतदाता सूची में दर्ज रहेगा या नहीं। चौरीचौरा विधानसभा क्षेत्र के ग्राम चकदेईया में रामविश्वास पासवान के घर छह सदस्य, मतदाता हैं। पांच का ही गणना प्रपत्र पहुंचा। रामविश्वास का कहना है कि वर्ष 2003 की मतदाता सूची की जानकारी बीएलओ ने नहीं दी। लोग कह रहे हैं कि आयोग की वेबसाइट डाउनलोड करनी होगी, लेकिन मैं ही नहीं गांव के ज्यादातर लोग यह प्रक्रिया हीं नहीं जान रहे।

वहीं की ग्राम पंचायत खैराबाद में भागवत के घर तीन मतदाता हैं, एक का गणना प्रपत्र नहीं पहुंचा। बांसगांव नगर पंचायत के वार्ड संख्या चार निवासी योगेंद्र सिंह के यहां कुल पांच सदस्य वोटर है। बीएलओ ने सिर्फ दो सदस्यों का ही गणना प्रपत्र दिया। यह भी नहीं बताया कि वर्ष 2003 की मतदाता सूची में किसका-किसका नाम था। जिसका नहीं था, उसके गणना प्रपत्र कैसे भरे लाएंगे।

उरुवा की ग्राम पंचायत बारीपुर के दिलीप का कहना है कि गांव में कई लोग पढ़े लिखे नहीं है। गणना प्रपत्र में क्या भरना है पता ही नहीं है। बताया कि उनके घर में सात सदस्य मतदाता हैं, सिर्फ एक ही का गणना प्रपत्र घर पहुंचा है। महानगर के रहदौली निवासी राजेश मौर्या का कहना है कि गणना प्रपत्र में दर्ज सवालों के जवाब नहीं मिल पा रहा। अभियान के तहत चार नवंबर से चार दिसंबर तक गणना प्रपत्र वितरण का कार्य होगा।

इस दौरान किसी से भी कोई प्रमाण पत्र या पहचान पत्र नहीं मांगा जाएगा। जिनके नाम वर्ष 2003 की मतदाता सूची में नहीं दर्ज है, वे नौ दिसंबर से आठ जनवरी तक के बीच बीएलओ के जरिए या आनलाइन खुद ही आयोग की ओर से जारी 13 पहचान पत्रों के विकल्पों में से कोई एक जमा करा सकता है। यदि किसी को नोटिस जारी हुई है तो उसका निस्तारण इआरओ करेंगे।

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बीएलओ की हो रही निगरानी, आनलाइन भी देख सकते हैं मतदाता सूची : डीएम

जिला निर्वाचन अधिकारी व जिलाधिकारी दीपक मीणा का कहना है कि बीएलओ के कार्यों की नियमित निगरानी की जा रही है। लापरवाही पर कार्रवाई भी हो रही है। जल्द ही सभी तक गणना प्रपत्र पहुंच जाएंगे। उन्होंने कहा कि निर्वाचक अपने तथा अपने परिजनों का नाम निर्वाचन आयोग की वेबसाइट https://voters.eci.gov.in पर भी देख सकते हैं और गणना-प्रपत्र में आवश्यक विवरण दर्ज कर सकते हैं।

जिन निर्वाचकों की जानकारी विगत विशेष पुनरीक्षण मतदाता सूची में उपलब्ध नहीं है या डेटाबेस से मेल नहीं खाती, उन्हें संबंधित निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी (इआरओ ) द्वारा नोटिस जारी किया जाएगा। ऐसे निर्वाचकों को अपनी जन्मतिथि, जन्मस्थान एवं नागरिकता संबंधी प्रमाण-पत्र निर्धारित श्रेणियों के अनुसार प्रस्तुत करने होंगे। एक जुलाई 1987 से पहले जन्मे नागरिकों को स्वयं का कोई भी वैध अभिलेख देना होगा, जिससे जन्मतिथि या जन्मस्थान प्रमाणित हो।

एक जुलाई 1987 से दो दिसंबर 2004 के बीच जन्में नागरिकों को स्वयं तथा अपने पिता या माता के अभिलेख प्रस्तुत करने होंगे। इसी तरह दो दिसंबर 2004 के बाद जन्मे नागरिकों को स्वयं, पिता तथा माता, तीनों के जन्म से संबंधित प्रमाणपत्र देने होंगे। यदि अभिभावक में से कोई भारतीय नागरिक नहीं है, तो जन्म के समय वैध पासपोर्ट एवं वीजा की प्रति देनी होगी।


वार्ड में बीते रविवार को मतदाताओं की सुविधा के लिए कैंप लगवाया था। इस दौरान जो आम समस्या सामने आई वह यह कि- कम शिक्षित वर्ग और मलिन बस्तियों में रहने वाले वर्ष 2003 की मतदाता सूची में अपना या संबंधियों का नाम नहीं खोज पा रहे। उनके लिए कंप्यूटर अथवा मोबाइल के जरिए वेबसाइट पर जाकर 2003 की मतदाता सूची को सर्च करना काफी मुश्किल कार्य है। बीएलओ गणना प्रपत्र वितरित कर रहे हैं। लेकिन, ज्यादातर बीएलओ पुरानी मतदाता सूची से जुड़ी जानकारी लोगों को नहीं दे रहे। इस सप्ताह फिर कैंप लगाने की तैयारी कर रहा हूं।
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- ऋषि मोहन वर्मा, पार्षद दिग्विजयनगर वार्ड, व पूर्व उपसभापति नगर निगम


अभी तक वार्ड में 40 प्रतिशत घरों में गणना प्रपत्र वितरित किए जा चुके हैं। मतदाताओं को गणना प्रपत्र भरने में पिछले एसआइआर की मतदाता सूची में मतदाता का विवरण व संबंधी का विवरण भरने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है, बहुत से गणना प्रपत्र अधूरे भरे जा रहे हैं। रोजाना बड़ी संख्या में लोग यह पूछने आ रहे हैं कि उनका गणना प्रपत्र किस बीएलओ के पास है, उनका नाम व मोबाइल नंबर क्या है। कार्यालय में ही कैंप लगाकर गणन प्रपत्र भरने में लाेगों की मदद की जा रही है। लोगों के साथ ही बीएलओ में भी अभियान को लेकर जागरूकता का अभाव है। लोगों को सवालों के जवाब नहीं मिल पा रहे।  
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- धर्मेंद्र सिंह, पार्षद चंद्रशेखर आजाद चौक
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