Bihar Election Result 2025 News: बिहार में नवनिर्वाचित विधायकों में से लगभग 12 फीसदी महिलाएं हैं। पिछले चुनावों की तुलना में इसमें मामूली वृद्धि हुई है। \“पीआरएस लेजिस्लेटिव रिसर्च\“ की एक रिपोर्ट के अनुसार बिहार की नई विधानसभा में लगभग 40 प्रतिशत सदस्यों के पास कॉलेज की डिग्री नहीं है। रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि बिहार विधानसभा चुनाव के बाद 55 साल से अधिक आयु के विधायकों की संख्या में वृद्धि हुई है।
बिहार में सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) ने 243 सदस्यीय विधानसभा में 202 सीटें जीतकर सत्ता बरकरार रखी। राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की प्रचंड जीत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उसके दो प्रमुख घटक दलों (BJP और JDU) ने लगभग 85 प्रतिशत की स्ट्राइक रेट से जीत हासिल की। BJP-JDU दोनों ने 101-101 सीट पर चुनाव लड़ा था।
\“पीआरएस लेजिस्लेटिव रिसर्च\“ की तरफ से जारी परिणामों के विश्लेषण से पता चला है कि 243 सदस्यीय विधानसभा में अब 29 महिला विधायक होंगी।यह सदन की कुल संख्या का लगभग 12 प्रतिशत है। पिछली विधानसभा में 26 महिला सदस्य थीं।
विधानसभा के लिए चुनी गईं 29 महिलाओं में से 13 की उम्र 25 से 39 साल के बीच है। जबकि नौ की उम्र 40 से 54 साल के बीच है। इनमें से लगभग आधी यानी 15 विधायकों के पास कॉलेज की डिग्री नहीं है। कुल मिलाकर विधानसभा में 55 वर्ष या उससे अधिक आयु के विधायकों का प्रतिशत 2015 में 34 प्रतिशत से बढ़कर 2020 में 40% और 2025 में 46% हो गया।
नई विधानसभा में पोस्ट ग्रेजुएट डिग्री वाले विधायकों की संख्या 2020 में 23% की तुलना में इस बार बढ़कर 28 प्रतिशत हो गई। उच्चतर माध्यमिक स्तर तक की योग्यता रखने वालों का अनुपात 2020 में 38 प्रतिशत से बढ़कर 40 प्रतिशत हो गया। नवनिर्वाचित विधायकों में से लगभग 32 प्रतिशत ग्रेजुएट हैं। जबकि पिछली विधानसभा में यह संख्या 40 प्रतिशत थी।
इस बीच, बिहार में नई सरकार के गठन से पहले MDA के घटक दलों के बीच मंत्रिमंडल में स्थान पाने को लेकर कवायद तेज हो गई है। सूत्रों के अनुसार भारतीय जनता पार्टी (BJP) और जनता दल यूनाइटेड (JDU) से पांच से छह नए चेहरों को मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने की संभावना है। महनार सीट से निर्वाचित JDU के प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा को भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की नयी टीम में जगह मिलने की संभावना है। कुमार 20 नवंबर को 10वीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ले सकते हैं।
सूत्रों ने बताया कि JDU अपने अधिकांश मंत्रियों को बरकरार रख सकता है। जबकि बीजेपी कुछ नए चेहरों को शामिल कर सकती है। पिछले मंत्रिमंडल के 25 मंत्रियों में से 24 ने इस बार चुनाव जीता। जबकि एकमात्र पराजित मंत्री सुमित कुमार सिंह इस बार अपनी सीट नहीं बचा सके। सिंह 2020 में निर्दलीय जीते थे और बाद में जेडीयू कोटे से मंत्री बने थे।