Shardiya Navratri 2025: मां सिद्धिदात्री को कैसे प्रसन्न करें?
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। वैदिक पंचांग के अनुसार, बुधवार 01 अक्टूबर को शारदीय नवरात्र की नवमी तिथि है। यह दिन देवी मां सिद्धिदात्री को समर्पित होता है। इस शुभ अवसर पर जगत की देवी मां सिद्धिदात्री की भक्ति भाव से पूजा की जाएगी। साथ ही पूजा पूर्ण (समाप्त) होने तक व्रत रखा जाएगा। पूजा और हवन होने के बाद साधक व्रत खोलेंगे। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
धार्मिक मत है कि जगत की देवी मां सिद्धिदात्री की पूजा करने से सभी प्रकार के शुभ कामों में सिद्धि यानी सफलता मिलती है। साथ ही आरोग्य जीवन का वरदान मिलता है। देवी मां सिद्धिदात्री की उपासना करने से आर्थिक विषमता भी दूर हो जाती है। अगर आप भी देवी मां सिद्धिदात्री की कृपा पाना चाहते हैं, तो महानवमी पर पूजा के समय इस चालीसा का पाठ अवश्य करें।
सिद्धिदात्री चालीसा
॥दोहा॥
नवरात्रि में नवमी दिन, जो सिद्धिदात्री की साध।
उनका कार्य सिद्ध हो, मिट जाए सब बाध॥
॥चौपाई॥
जय सिद्धिदात्री जगदंबा, सिद्धि का दान देने वाली।
जो भी करे विनती तेरी, उसकी हर मनोकामना पूरी वाली॥
शक्ति स्वरूपिणी माँ अम्बे, जो भी सुमिरे तुझको।
कष्ट हरती, दीनों पर कृपा करती, तेरी महिमा असीम है माँ॥
चारों दिशाओं में तेरी महिमा, तुझसे बढ़कर कोई नहीं।
त्रिदेव भी तेरे आगे नतमस्तक, तेरा वरदान सभी माँगे॥
जो सच्चे मन से भजे तुझको, उसके संकट दूर हो जाए।
धन-धान्य की हो प्राप्ति, जीवन में मंगल हो जाए॥
सिद्धिदात्री माँ जगदंबे, तेरे चरणों में शीश नवाए।
तू ही शक्ति, तू ही ममता, जग में तेरा ही गुण गाए॥Numerology Horoscope 2025, Aaj Ka Ank Jyotish 01 October 2025 , mulank 4 Predictions , mulank 5 Predictions , mulank 6 Predictions Numerology, Numerology Horoscope, 01 October 2025 Numerology Horoscope, Aaj Ka Ank Jyotish, Today Numerology Horoscope , Numerology Predictions, आज का अंक ज्योतिष, आज का अंक ज्योतिष 01 अक्टूबर 2025, 01 अक्टूबर 2025 का अंक ज्योतिष, आज का अंकफल 01 अक्टूबर 2025, दैनिक अंक ज्योतिष 2025
सिद्धियों की दात्री माँ तू, तुझसे बड़ा कोई नहीं।
तेरी महिमा अपरंपार है, तेरा ही गुणगान सभी करते॥
जो भी करे ध्यान तेरा, वह भवसागर से तर जाए।
तेरा स्मरण करते ही माँ, सब दुःख दर्द दूर हो जाए॥
भक्तों की रक्षा करने वाली, तू है जगत की पालनहार।
तेरी महिमा गाते गाते, हम भी हो जाएँ तुझपर निसार॥
नवदुर्गा में तेरा स्थान, तुझसे ही है सबका उद्धार।
सिद्धिदात्री माँ तू है जग की, तेरा ही भजते बारम्बार॥
माँ सिद्धिदात्री की महिमा, कोई कह न पाए।
जो भी हो तेरे ध्यान में लीन, वह सब संकट से छूट जाए॥
सर्व सिद्धियों की दात्री माँ, तेरे चरणों में शीश नवाए।
जो तेरा स्मरण करते, वे भवसागर से पार हो जाए॥
दोहा
माँ सिद्धिदात्री का जो भी ध्यान करे सुमिरन।
उसके सब कष्ट कट जाएं, हो उसका मंगल सदा॥
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