बिल को सीनेट की विदेश संबंध समिति में लगभग सर्वसम्मति से समर्थन प्राप्त है (फाइल फोटो)
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। रूस-यूक्रेन युद्ध को खत्म कराने में असफल रहने के बाद से अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप बौखलाए हुए हैं। वह अक्सर दावा किया करते थे कि पद संभालने के एक महीने के अंदर वह युद्ध समाप्त करवा देंगे। ट्रंप ने अब चेतावनी दी है कि रूस के साथ व्यापार करने वाले किसी भी देश पर बेहद कड़े प्रतिबंध लगाए जाएंगे। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
उनका प्रशासन और रिपब्लिकन सांसद मास्को को निशाना बनाकर कड़े कानून बनाने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। सीनेटर लिंडसे ग्राहम द्वारा पेश विधेयक में रूसी तेल की द्वितीयक खरीद और पुन: बिक्री पर 500 प्रतिशत टैरिफ लगाने का प्रस्ताव है। इसे सीनेट की विदेश संबंध समिति में लगभग सर्वसम्मति से समर्थन प्राप्त है।
रूस प्रतिबंध अधिनियम पेश किया
ग्राहम और सीनेटर रिचर्ड ब्लूमेंथल ने संयुक्त रूप से 2025 का रूस प्रतिबंध अधिनियम पेश किया, जिसका उद्देश्य उन देशों पर द्वितीयक टैरिफ और प्रतिबंध लगाना है जो पुतिन की मदद कर रहे हैं। रविवार को पत्रकारों ने जब पूछा कि क्या कांग्रेस के लिए रूस और राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन पर दबाव बनाने के लिए उपाय पारित करने का समय आ गया है तो ट्रंप ने कहा, \“\“मैंने सुना है कि वे ऐसा कर रहे हैं और मुझे इससे कोई आपत्ति नहीं है। हम इसमें ईरान को भी जोड़ सकते हैं।\“\“
ट्रंप प्रशासन ने भारत पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाया है, जो दुनिया में सबसे अधिक टैरिफ में से एक है। इसमें रूसी ऊर्जा खरीद पर 25 प्रतिशत शुल्क भी शामिल है। गौरतलब है कि ग्राहम और ब्लूमेंथल ने जुलाई में कहा था, \“\“राष्ट्रपति ट्रंप और उनकी टीम ने रूस और यूक्रेन के बीच इस रक्तपात को समाप्त करने के लिए नए ²ष्टिकोण को लागू करते हुए शक्तिशाली कदम उठाया है। हालांकि, इस युद्ध को समाप्त करने का अंतिम हथियार चीन, भारत और ब्राजील जैसे देशों पर टैरिफ लगाना होगा, जो सस्ते रूसी तेल और गैस खरीदकर पुतिन की युद्ध मशीन को सहारा देते हैं।\“\“ |