नोएडा में बीते 15 दिनों से हवा बनी हुई है जहरीली।
जागरण संवाददाता, नोएडा। शहर की हवा 15 दिनों से रेड जोन में बनी हुई है। ग्रेप तीन की पाबंदियां भी हवा में सुधार नहीं कर पा रही हैं। शहरवासियों को प्रदूषित हवा की मार लंबे समय तक झेलना पड़ सकती है। सोमवार को नोएडा का वायु गुणवत्ता सूचकांक 358 और ग्रेटर नोएडा का 390 बेहद खराब श्रेणी में दर्ज हुआ। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
ग्रेनो देश में दूसरा और नोएडा चौथा सबसे प्रदूषित शहरों में रहा। सुबह से निकली धूप ने मौसम तो साफ रखा लेकिन हवाओं की गति चार किमी प्रतिघंटे होने के कारण प्रदूषण की परत हट नहीं रही है।
वहीं ग्रेप तीन की पाबंदियों के बीच लगातार जगह-जगह निर्माण कार्य चल रहा है। सड़कों पर अब भी मिट्टी के ढेर जगह-जगह लगे हुए है। इससे वाहनों के आवागमन से मिट्टी उड़ रही है। वहीं सड़कों पर चल रही रहे मिट्टी और निर्माण सामग्री से भरे वाहन भी ग्रेप के नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं। शहर में प्रदूषण का स्तर बेहद खराब और गंभीर श्रेणी में कुछ दिनों तक रह सकता है।
हवाओं की गति में कमी आने और कम होते तापमान के कारण भी प्रदूषण का स्तर में सुधार नहीं हो रहा है। इस माह नोएडा का प्रदूषण स्तर 300 के पार ही बना हुआ है। हालांकि नोएडा प्राधिकरण लगातार सड़कों पर पानी का छिड़काव कराने में जुटा हुआ है,उसके बाद भी प्रदूषण का स्तर कम नहीं हो रहा है।
सेक्टर 125 अधिक प्रदूषित
नोएडा का प्रदूषण स्तर मापने के लिए चार मानिटरिंग स्टेशन बनाए गए हैं। सेक्टर 1,125,62 और 116 को मानिटरिंग स्टेशन बनाया गया है। इनमें सर्वाधिक प्रदूषित हवा सेक्टर 125 की और 116 की बनी हुई है। इन सेक्टरों का सोमवार को एक्यूआइ 379 बेहद खराब श्रेणी में दर्ज हुआ। दोनों सेक्टरों में निर्माण कार्य चलने से और खुला मैदान में मिट्टी की अधिकता होने के कारण अधिक प्रदूषित रहते हैं।
रात अधिक ठंडी
सोमवार को दिन से अधिक रात ठंडी रही। अधिकतम तापमान 27.4 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 9.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। सुबह से ही निकली धूप ने दिन में सर्दी का अहसास नहीं होने दिया। |