नई दिल्ली। शेयर बाजार के लिए बिहार चुनाव (Bihar Election Result) एक बड़ा ट्रिगर रहा। इसका अंदाज इस बात से लगाया जा सकता है कि 11 नवंबर को आखिरी चरण के मतदान के बाद निफ्टी में तेजी आई और यह लगातार ऊपर रहा। अब चुनाव परिणाम आने के बाद निफ्टी50 (Nifty Today Closing), 29 अक्तूबर के बाद पहली बार 26000 के अहम स्तर के ऊपर क्लोज हुआ है। इस बीच देश की दिग्गज ब्रोकरेज फर्म मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज ने कहा है कि बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए की व्यापक जीत भारतीय शेयर बाजार के लिए एक नए सेंटिमेंट बूस्टर के रूप में काम करने के लिए तैयार है, और निफ्टी में निरंतर तेजी के लिए व्यापक धारणा को मजबूत करती है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
इस ब्रोकरेज फर्म ने कहा कि बिहार में जबरदस्त जनादेश, जिसमें एनडीए ने 243 सीटों में से 202 सीटें जीतीं, 46.6 प्रतिशत वोट शेयर हासिल किया, यह नीति निरंतरता, शासन स्थिरता और विकास-केंद्रित राजनीतिक माहौल की उम्मीदों को मजबूत करता है, वो भी ऐसे समय में जब मैक्रो और अर्निंग इंडिकेटर पहले से ही बाजार के लिए अनुकूल हो रहे हैं।
मोतीलाल ओसवाल ने अपनी रिपोर्ट में और क्या कहा
मोतीलाल ओसवाल ने यह नोट सोमवार सुबह बाज़ार खुलने से पहले जारी किया था। इसमें ब्रोकरेज फर्म ने कहा कि बिहार के नतीजे इक्विटी मार्केट के सितारों को और बुलंद करते हैं। इसके लिए ब्रोकरेज हाउस ने आरबीआई और सरकार द्वारा किए जा रहे सुधारों, जीएसटी 2.0 से उपभोग को बढ़ावा और डिमांड में सुधार, ब्याज दरों में नरमी और कॉर्पोरेट आय में बेहतर सुधार जैसे कारकों का हवाला दिया।
ब्रोकरेज ने इस बात पर ज़ोर दिया कि भारतीय इक्विटी ने एक साल से ज़्यादा समय से उभरते बाज़ारों के अपने समकक्षों की तुलना में कम प्रदर्शन किया है -सितंबर 2024 से निफ्टी में 1 प्रतिशत की गिरावट आई है, जबकि एमएससीआई ईएम में 20 प्रतिशत की वृद्धि हुई है - लेकिन अब और बेहतर राजनीतिक स्थिरता और बेहतर आय का संयोजन इस अंतर को कम करने में मदद कर सकता है।
डबल इंजन सरकार से क्या फायदे
मोतीलाल ओसवाल ने कहा कि बिहार का जनादेश “डबल इंजन सरकार“ की अवधारणा को मज़बूत करता है, जिससे केंद्र और राज्य के बीच नीतियों के क्रियान्वयन पर बेहतर तालमेल बनता है - यह बाजार के लिए काफी पॉजिटिव है। बिहार का यह जनादेश राज्य के मतदाताओं की प्राथमिकताओं में एक स्पष्ट बदलाव का भी संकेत देता है, जो जाति-आधारित राजनीति से हटकर विकास-केंद्रित प्राथमिकताओं की ओर बढ़ रहा है, जिसे ब्रोकरेज फर्म लॉन्गटर्म आर्थिक संभावनाओं के लिए उत्साहजनक मानती है।
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हालांकि बिहार में जीत से बाजार में तत्काल उत्साह बढ़ सकता है, लेकिन ब्रोकरेज ने कहा कि निवेशकों का ध्यान जल्द ही आगामी मैक्रो ट्रिगर्स पर केंद्रित हो जाएगा - जिसमें जीएसटी 2.0-आधारित खपत की स्थायित्व, आरबीआई की आगे की टिप्पणी, वैश्विक संकेत और कॉर्पोरेट आय की प्रगति शामिल है। |