खदान हादसे में बचाव का काम चलता हुआ। जागरण
मुकेश चंद्र श्रीवास्तव, सोनभद्र। ओबरा के बिल्ली मारकुंडी खदान क्षेत्र में शनिवार को ड्रिलिंग के दौरान हुए हादसे के तीसरे दिन सोमवार को भोर लगभग तीन बजे दो और मजदूरों के शव बरामद कर लिये गए। इसकी पुष्टि एसडीएम ओबरा विवेक कुमार सिंह ने की है। हालांकि अभी उनकी पहचान नहीं हो सकी है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
पुलिस शिनाख्त में जुट गई है। डॉग स्क्वायड की मदद ली जा रही है। पुलिस ने सभी शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए जिला अस्पताल भेज दिया है। मलबे में दबे अन्य 12 मजदूरों का अभी तक पता नहीं चल सका है।
एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, सीआईएसएफ के 100 से अधिक जवान कर रहे रेस्क्यू
एनडीआरएफ, एसडीआरएफ व सीआईएसएफ के करीब 100 से अधिक जवान रेस्क्यू कर रहे हैं। वहीं पुलिस खदान हादसे के मामले में कृष्णा माइनिंग वर्क्स के मालिक मधुसूदन सिंह और उसके पार्टनर दिलीप केशरी समेत तीन के खिलाफ पहले ही मुकदमा दर्ज कर चुकी है। आरोपित फरार हैं और उनकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस की तीन टीम गठित की गई है। हादसे की जानकारी पर एडीजी जोन वाराणसी पीयूष मोर्डिया, विंध्याचल के मंडलायुक्त राजेश प्रकाश, पुलिस महानिरीक्षक आरपी सिंह शनिवार की रात ही मौके पर पहुंचे थे। घटना की जानकारी लेने के बाद रविवार की सुबह लौट गए थे।
खदान का मलबा।
खदान के मलबे में 15 मजदूरों के दबे होने की थी आशंका, अब भी 12 की तलाश
हादसा शनिवार दोपहर करीब ढाई बजे हुआ जब ब्लास्टिंग के लिए कृष्णा माइनिंग वर्क्स कंपनी की पत्थर की खदान में होल बनाने के लिए ड्रिलिंग का काम चल रहा था। नौ कंप्रेशर मशीनों पर 18 मजदूर काम कर रहे थे। उसी समय एक तरफ से चट्टान धंस गई और मलबा करीब 150 फीट नीचे आ गिरा। तीन मजदूर तो बचकर बाहर आ गए, लेकिन शेष 15 लापता हो गए। इसके बाद बचाव कार्य शुरू किया गया। शनिवार की रात लगभग आठ बजे से ही वाराणसी से एनडीआरएफ की टीम भी घटनास्थल पर पहुंच गई। हालांकि भारी मलबा, खदान के 150 से 200 फीट गहरा होने और अंधेरे के कारण बचाव कार्य में अपेक्षित गति नहीं आ सकी।
खदान स्वामी समेत तीन के खिलाफ दर्ज हो चुका है गैर इरादतन हत्या का मुकदमा
रविवार को सुबह 100 से अधिक जवानों के साथ एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और सीआइएफ की टीम रेस्क्यू में जुटी है। एक बड़ा पत्थर गिर जाने के कारण उसे तोड़कर हटाने में समय लग रहा है।
एसपी अभिषेक वर्मा ने बताया कि दुर्घटनास्थल अति संवेदनशील है, इसलिए आम जनता या बाहरी लोगों का आवागमन सुरक्षा कारणों से बंद किया गया है, ताकि भीड़ के कारण कोई नया हादसा ना हो। जिलाधिकारी बीएन सिंह ने कहा कि पत्थर हटने के बाद ही दबे हुए श्रमिकों के बारे में सही स्थिति स्पष्ट हो पाएगी। मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दिए गए हैं। दुर्घटना के कारणों और जिम्मेदारों का जल्द ही पता लगाया जाएगा।
18 मजदूर थे खदान में, पहले ही एक के मौत की हुई थी पुष्टि
सबसे पहले ओबरा थाना क्षेत्र के परसोई ग्राम पंचायत के अमरिनिया टोला निवासी राजू सिंह का शव बरामद हुआ था।वहीं सोमवार को पनारी ग्राम पंचायत के करमसार टोला निवासी कृपाशंकर, दो सगे भाई संतोष यादव व इंद्रजीत यादव, खड़री टोला निवासी रामखेलावन व कोन थाना क्षेत्र के कचनरवा गांव निवासी रविंद्र उर्फ नानक के परिजन पहुंचे थे। |