न्याय के देवता शनिदेव को कैसे प्रसन्न करें?
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। सनातन धर्म में शनिवार का दिन न्याय के देवता शनिदेव को समर्पित है। इस दिन शनिदेव और राम भक्त हनुमान जी की पूजा की जाती है। साथ ही साधक मनचाही मुराद पाने के लिए शनिवार का व्रत रखते हैं। इस व्रत को करने से कुंडली में शनि मजबूत होता है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
ज्योतिष कुंडली में शनि मजबूत करने के लिए हनुमान जी और शनिदेव की पूजा और नीलम धारण करने की सलाह देते हैं। नीलम धारण करने से कुंडली में शनि मजबूत होता है। साथ ही शनिदेव की कृपा साधक पर बरसती है। नीलम रत्न दो राशि के जातकों के लिए भाग्यशाली (Munga benefits) होता है। आइए, इसके बारे में सबकुछ जानते हैं-
कब पहनना चाहिए नीलम?
ज्योतिषियों की मानें तो नीलम धारण करने के लिए शुभ दिन शनिवार है। हालांकि, धारण करने से पहले प्रकांड ज्योतिष से अवश्य सलाह लें। कई बार बिना ज्योतिष सलाह के नीलम धारण करने पर स्वास्थ्य से लेकर कई अन्य परेशानियों का सामना करना पड़ता है। वहीं, शनिवार के दिन ज्योतिष की उपस्थिति में संध्याकाल में धारण करें।
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मकर और कुंभ राशि के स्वामी न्याय के देवता शनिदेव हैं और आराध्य देवों के देव महादेव हैं। मकर राशि में ऊर्जा के कारक मंगल देव उच्च के होते हैं। इसके लिए मकर राशि के जातकों पर मंगल देव की विशेष कृपा बरसती है। मंगल देव की कृपा से मकर राशि के जातक आत्मविश्वास से लबरेज होते हैं।
इन दोनों राशि के जातकों के लिए शुभ रंग आसमानी है और शुभ रत्न नीलम है। इसके लिए ज्योतिष मकर और कुंभ राशि के जातकों को नीलम धारण करने की सलाह देते हैं। अगर आपकी राशि मकर या कुंभ है तो आप नीलम रत्न धारण कर सकते हैं।
नीलम के फायदे
ज्योतिषियों की मानें तो मकर और कुंभ राशि के जातकों के लिए नीलम फायदेमंद होता है। नीलम रत्न धारण करने से कुंडली में शनि ग्रह मजबूत होता है। साढ़ेसाती और शनि की ढैय्या का प्रभाव कम होता है। इस रत्न को पहनने से मानसिक तनाव से छुटकारा मिलता है। साथ ही करियर और कारोबार में सफलता मिलती है। धन-संपत्ति में बढ़ोतरी होती है। मनचाही मुराद पूरी होती है।
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