इसी पेट्रोल पर पंप को किया सील।
जागरण संवाददाता, फिरोजाबाद। मिलावटी पेट्रोल और डीजल का खेल अलीगढ़ से एका तक चल रहा था। स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) नोएडा की टीम ने इसका पर्दाफाश करते हुए पांच लोगों को गिरफ्तार किया है। इनमें अलीगढ़ की पराग पेंट्स एंड केमिकल फैक्ट्री का मालिक, उसका प्रबंधक और एका का पंप संचालक भी शामिल है। अवैध रूप से संचालित पंप को सील कर दिया गया है। इनके पास से मोबाइल फोन, आठ हजार लीटर पेट्रोलिमय पदार्थ से भरा टैंकर और 56 हजार रुपये बरामद हुए हैं। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
पंप संचालक, अलीगढ़ की पराग पेंट्स एंड केमिकल फैक्ट्री का मालिक भी पकड़ा
एसटीएफ को सूचना मिल रही थी कि अलीगढ़, फिरोजाबाद, हापुड़, मेरठ, गौतमबुद्धनगर, बुलंदशहर तथा आसपास के जनपदों में टैंकरो के जरिए पेट्रोल पंपों पर नकली एवं मिलावटी पेट्रोल-डीजल को बिक्री करने वाला गिरोह सक्रिय है। सीओ एसटीएफ नावेंदु सिंह ने बताया कि सटीक सूचना पर एसआइ सनत कुमार टीम के साथ शुक्रवार रात नौ बजे एका में जेडा झाल से आगे नहर किनारे स्थित चन्द्रा फिलिंग स्टेशन पर पहुंचे। वहां उनकी सूचना पर इंस्पेक्टर एका अनिल कुमार सिंह, क्षेत्रीय खाद्य अधिकारी सुशील कुमार तिवारी, पूर्ति निरीक्षक अनिल कुमार भी आ गए।
इसी दौरान एक टैंकर पंप पर आकर खडा हो गया। उसे पकड़ कर चालक पवन गिरी निवासी ग्राम रंगपुर थाना सलेमपुर, बुलंदशहर, परिचालक सद्दाम निवासी बीसा कॉलोनी, बुलंदशहर और पंप संचालक चंद्र विजय निवासी मुस्तफाबाद रोड, माता मंदिर के पास शिकोहाबाद को पकड़ लिया।
एका में अवैध रूप से चल रहा बायो डीजल पंप सील, एसटीएफ ने की कार्रवाई
उनसे पूछताछ के आधार पर एसटीएफ की एक टीम अलीगढ़ पहुंची। वहां से पराग पेंट्स के मालिक कन्हैया लाल निवासी सासनी गेट थाना सासनी गेट, अलीगढ़ और उसके प्रबंधक सर्वेश कुमार निवासी ग्राम रसूलपुर कला सहसवान थाना जरीफनगर, बदायूं और को गिरफ्तार कर लिया। इन सभी के विरुद्ध एका थाने में एसआइ सनत कुमार ने प्राथमिकी दर्ज कराई। शाम को इन्हें न्यायालय के आदेश पर जेल भेज दिया गया। पवन गिरी और सद्दाम पर बुलंदशहर के कोतवाली देहात थाने में पूर्व में भी इस तरह का मुकदमे दर्ज हैं।
इस तरह चल रहा था खेल
पुलिस के अनुसार चंद्र विजय पांच महीने से ग्रामीण क्षेत्र में अवैध रूप से पंप चल रहा था, जिससे कोई उसके बारे में जान न सके। उसने बायो डीजल के लिए आवेदन किया था, लेकिन उसे लाइसेंस नहीं मिला था। मिल भी जाता तो वह सिर्फ बायो डीजल ही बेच सकता था, लेकिन वह कन्हैया लाल के यहां से 70-75 रुपये लीटर के भाव मिलावटी पेट्रोलियम पदार्थ मंगाकर बेच रहा था।
कन्हैया के धंधे की देखरेख उसका प्रबंधक सर्वेश करता था। मिलावटी पेट्रोल या डीजल वाहनों के इंजन के लिए खतरनाक था। पूर्ति निरीक्षक अनिल कुमार ने बताया कि पंप, उसके अंडर ग्राउंड टैंक और टैंकर को रात में ही सील कर दिया गया था। पेट्रोलियम पदार्थ की जांच के लिए कुल सात नमूने लिए गए हैं।
पंप सील होने के बाद भी आते रहे ग्राहक
पंप सील होने के बाद भी शनिवार को ग्राहक वाहन लेकर पेट्रोल-डीजल भरवाने के लिए पहुंचते रहे। वहीं पंप पर तैनात सिक्योरिटी गार्ड उन्हें पंप कुछ दिन के लिए बंद होने की जानकारी देकर लौटा रहा था। |