जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। पटियाला हाउस स्थित न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत के समक्ष वसंत कुंज स्थित श्री शारदा इंस्टीट्यूट ऑफ इंडियन मैनेजमेंट एंड रिसर्च के पूर्व प्रबंधक चैतन्यानंद सरस्वती ने तिहाड़ जेल के अंदर अपनी जान को खतरा होने की शिकायत की है। चैतन्यानंद ने कहा कि जेल प्रशासन न तो उसे सुरक्षित माहौल दे रहा है और न ही अदालत द्वारा अनुमति दिए गए अधिकारों का पालन कर रहा है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
कोर्ट ने जेल अधीक्षक से मांगी रिपोर्ट
इस पर पटियाला हाउस स्थित न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी अनीमेश कुमार ने जेल अधीक्षक से विस्तृत रिपोर्ट तलब की है। चैतन्यानंद को उसकी न्यायिक हिरासत खत्म होने पर न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया गया था।
पेशी के दौरान 16 छात्राओं के यौन शोषण के आरोपित चैतन्यानंद ने अदालत को बताया कि तीन बार आवेदन देने के बावजूद उसे केसरिया वस्त्र पहनने की अनुमति नहीं दी गई है।
उसने यह भी आरोप लगाया कि अदालत द्वारा स्वीकृत प्रतिबंधित आहार भी उसे नियमित रूप से उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है।
अदालत ने इन सभी बिंदुओं पर तिहाड़ जेल अधीक्षक को 18 नवंबर तक विस्तृत रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया है।
न्यायिक हिरासत बढ़ाने की मांग
वहीं, सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस ने सरस्वती की न्यायिक हिरासत बढ़ाने की अर्जी भी दी। पुलिस ने दलील दी कि अगर चैतन्यानंद को रिहा किया गया तो वह सुबूतों से छेड़छाड़ कर सकता है या पीड़ितों व संबंधित गवाहों को प्रभावित कर सकता है।
पुलिस ने दलील दी कि मामले में आरोपपत्र फिलहाल अभियोजन के पास जांच के लिए लंबित है। अदालत ने पुलिस की दलीलों को स्वीकार करते हुए कहा कि मामले में आरोप गंभीर प्रकृति के हैं और कई पीड़ित छात्राएं इसमें शामिल हैं।
10 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा
कोर्ट ने मामले में को 10 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया। चैतन्यानंद को छात्राओं के साथ यौन उत्पीड़न के मामले में गिरफ्तार किया गया था।
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