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नामांकन सभा में विरोध से रिकार्ड मत तक...इस तरह से रमा निषाद की राह होती गई सरल

LHC0088 2025-11-15 02:07:30 views 615
  

Bihar vidhan sabha chunav Result: जीत हासिल करने के बाद प्रमाण पत्र लेतीं रमा निषाद। जागरण  



जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर। Bihar vidhan sabha chunav Result: औराई विधानसभा सीट से पहली बार चुनाव मैदान में उतरीं रमा निषाद ने रिकार्ड ही कायम कर दिया। यह भी तब ऐसा करने में सफल रहीं जबकि उनकी नामांकन सभा में ही भारी विरोध हुआ था। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

पूर्व मंत्री और भाजपा के निवर्तमान विधायक रामसूरत राय का टिकट करने के बाद उनके समर्थकों ने खूब विरोध किया था। उसके बाद इसक सीट की खूब चर्चा होने लगी थी।

उसके बाद उनके पति और पूर्व सांसद अजय निषाद ने प्रचार-प्रसार की जिम्मेदारी अपने हाथों में ली। बूथ को मैनेज करने से लेकर रामसूरत राय को अपने पाले में करने को लेकर सभी काम किया।

इसके साथ ही भाजपा प्रत्याशी की जीत की राह आसान होते चली गई। उनका नाम बिहार के सर्वाधिक मतों से जीतने वाले में शामिल हुआ। जीत का बड़ा फैक्टर पूर्व मंत्री रामसूरत राय को अपने पाले में करना रहा। इसके बाद नाराज भाजपा कार्यकर्ताओं ने रमा निषाद को साथ दिया।

रमा निषाद ने इतनी बड़ी जीत किस वजह से हासिल की? उसके पीछे क्या फैक्टर रहा? यदि इसकी बात की जाए तो उनके परिवार की बात करनी होगी।

कहा जा रहा है कि इस क्षेत्र में सांसद रहते हुए कैप्टन निषाद ने खूब काम किया। यहां के लोगों से अपने संबंध को बेहतर कर रखा था। उनकी बहू होने की वजह से लोगों का भावनात्मक लगाव उनसे हो गया। इसका फायदा मिला।

वैसे भाजपा की ओर से प्रत्याशी के रूप में उनके नाम की घोषणा होने के बाद जिस तरह से रामसूरत राय ने जिला से लेकर राजधानी तक विरोध प्रदर्शन किया था, उससे तो यही लग रहा था कि उनकी राह कतई सरल नहीं होने वाली है। नामांकन सभा के दौरान मनोज तिवारी को लौटाने वाली घटना आज भी सोशल मीडिया पर उपलब्ध है।

कहा जा रहा है कि वीआइपी प्रमुख मुकेश साहनी ने इस सीट को अपनी प्रतिष्ठा की सीट बनाते हुए अपने ही बिरादरी से आने वाले भोगेंद्र सहनी को महागठबंधन का प्रत्याशी बनाया था।‌ उन्हें यह मौका बेहतर लगा जब वे खुद को सहनी नेता के रूप में स्थापित कर पाते, लेकिन ऐसा नहीं हो सका।

चुनाव परिणाम देखकर यही लग रहा है कि निषाद समाज ने एकजुट होकर भाजपा प्रत्याशी के पक्ष में ही अपना मत दिया। सर्वाधिक मतों के रिकार्ड के पीछे इन मतों का भी योगदान है।


दूसरी ओर रमा निषाद के प्रतिद्वंद्वी की बात करें तो इस सीट पर महागठबंधन के कोर वोटरों में भी बिखराव दिखा। यहां से चुनाव लड़ रहे पूर्व विधायक गणेश राय के बेटे अखिलेश यादव और दूसरी ओर माले नेता आफताब आलम भी महागठबंधन से बागी होकर चुनाव लड़ रहे थे।

महागठबंधन के कोर वोटर के बिखराव का पूरा फायदा रमा निषाद को मिला। पूर्व सांसद अजय निषाद दो बार यहां से मुजफ्फरपुर सीट से सांसद रहे हैं और इसके पहले उनके पिता पूर्व केंद्रीय मंत्री कैप्टन जयनारायण निषाद भी यहां से सांसद रहे हैं।

इस समीकरण के साथ ही साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के विकास कार्ड की भी भूमिका रही। मीनापुर की सभा में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने माला पहनाकर उन्हें जीत की बधाई दी थी। यह वीडिया ट्रेडिंग रहा था। उसके साथ-साथ प्रधानमंत्री की सभा का भी प्रभाव इस रिकार्ड जीत में है।
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