वर्ष 2015 में एसएन मेडिकल कॉलेज के जूनियर डॉक्टर के शादी समारोह में शामिल डॉ. परवेज अंसारी (बाएं से दूसरे कोट पहने हुए) का इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित फोटो l इंटरनेट मीडिया
जागरण संवाददाता, आगरा। दिल्ली धमाके में गिरफ्तार लखनऊ की डॉ. शाहीन के भाई डॉ. परवेज अंसारी का नाम सामने आने के बाद सुरक्षा एजेंसियां सक्रिय हो गईं। बुधवार शाम को आतंकवाद निरोधक दस्ता (एटीएस) ने एसएन मेडिकल कॉलेज में उसके रिकॉर्ड खंगाले। 2012 में एमडी (मेडिसन) में प्रवेश लेने वाला डॉ.परवेज चार साल तक कॉलेज के सीनियर ब्वॉयज हॉस्टल में रहा था। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
डिग्री पूरी करने के बाद एक साल की सीनियर रेजिडेंट की नौकरी मिली, लेकिन छह माह में ही वह त्यागपत्र देकर चला गया। एटीएस की टीम पहुंचने से पहले ही मेडिकल कॉलेज प्रशासन डॉ. परवेज से संबंधित पूरा रिकॉर्ड जुटा चुका था। माना जा रहा है कि डॉ. परवेज के बारे में जानकारियां लेने अन्य सुरक्षा एजेंसियां भी गुरुवार को पहुंच सकती हैं।
इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित रही तस्वीर
डॉ. परवेज की पढ़ाई के दौरान की दोस्तों के साथ की तस्वीरें इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित हो रही हैं। सोमवार की शाम दिल्ली में हुए बम धमाके में फरीदाबाद से डॉ.शाहीन की गिरफ्तारी के बाद उसके भाई डॉ.परवेज को हिरासत में लिया गया था। इसकी जानकारी आते ही मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने खलबली मच गई।
पढ़ाई में सामान्य डॉ. परवेज क्लास में बहुत कम बोलता था
प्रशासन के अनुसार 2012 में स्टेट पीजी एंट्रेस टेस्ट में 32 वीं रैंक पाने के बाद 21 मई 2012 को उसने एसएन मेडिकल कॉलेज में एमडी (मेडिसिन) में प्रवेश लिया। उसे सीनियर ब्वॉयज हॉस्टल में प्रथम तल पर कमरा आवंटित किया गया। उन दिनों एमडी मेडिसिन की 14 सीटें थीं। प्राचार्य डॉ. एसके गर्ग थे और डॉ.पीके माहेश्वरी नए विभागाध्यक्ष बने। उन्होंने सख्ती की। बताया जाता है कि पढ़ाई में सामान्य डॉ. परवेज क्लास में बहुत कम बोलता था। हॉस्टल परिसर में बाईं तरफ स्थित मस्जिद में अकेला नमाज पढ़ने जाता था।
शाेध पत्र उच्च स्तर के थे
डॉ. अश्वनी निगम के निर्देशन में उसने शोध पत्र तैयार किए। चिकित्सा शिक्षकों का कहना है कि पढ़ने में सामान्य होने के चलते यह उम्मीद नहीं थी कि वह शोध पत्र तैयार कर पाएगा। उसने निर्धारित समय पर शोध पत्र जमा किए और शोध पत्र उच्च स्तर के थे। उस दौरान उसकी बहन डॉ. शाहीन कानपुर मेडिकल कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर थी। बताया गया है कि शोध पत्र तैयार करने में उसने अपनी बहन की मदद ली। वह रोज बहन से बातें करता था।
2015 में एमडी पूरी होने के बाद मेडिसिन विभाग में सीनियर रेजिडेंट रहा, एक वर्ष की नौकरी छह महीने बाद ही छोड़ दी और जनवरी 2016 में हॉस्टल खाली करके चला गया। बुधवार को मेडिसिन विभाग से डॉ. परवेज अंसारी का रिकॉर्ड सील कर प्राचार्य कार्यालय में रख दिया गया है। शाम को एटीएस की टीम मेडिकल कॉलेज पहुंची। प्राचार्य डॉ. प्रशांत गुप्ता से मुलाकात के बाद डॉ.परवेज का रिकॉर्ड देखा। सीज किए गए दस्तावेजों में डा.परवेज के शैक्षिक प्रमाणपत्र, एमडी की पढ़ाई के दौरान की उपस्थिति समेत अन्य दस्तावेज हैं। |